गुमला(GUMLA): केंद्र की मोदी और राज्य की हेमंत सरकार जहां विकास के बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन गुमला जिले से सामने आयी तस्वीर सारे दावों की पोल खोल दी है. आज हमारा देश चांद पर पहुंच चुका है, लेकिन झारखंड के आदिवासी बहुल गुमला जिला के कई इलाके ऐसे है जहां आज भी सड़क की सही व्यवस्था ना होने के साथ ही गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने की वजह से गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को खाट पर ही कई किमी तक ढोकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है. लोगों के साथ ही कई प्रखंड के लोगो को झेलनी पड़ती है.जिस पर सरकार की ओर से ध्यान दिया जाता है.
सड़क के अभाव में चली जाती है लोगों की जान
21वीं सदी के इस दौर में भी गुमला जिला के कई क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासी समुदाय को आज तक आधारभूत सुविधाओं से वंचित है. ये लोग आज से 20 साल पुराने जीवनशैली में जीत है.इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क आदि की सुविधाएं नहीं है, जिससे ये दुनिया से कई साल पीछे चल रहे है. कई बार झारखंड में सरकार बदली, लेकिन इन ग्रामीण क्षेत्रों की सूरत नहीं बदली है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि कई बार समय पर इलाज के लिए नहीं पहुंचने से लोगों की मौत भी हो जाती है.
गुमला डीसी ने की है पहल
बदहाल व्यवस्था की ताजा तस्वीर गुमला जिला के रायडीह प्रखंड के एक गांव से सामने आयी है. जिसके बाद डीसी कर्ण सत्यार्थी उस गांव में पहुंचे और लोगो के साथ बैठक की, साथ ही भरोसा दिया कि जल्दी ही गांव की सड़क का निर्माण कर दिया जाएगा, ताकि आगे इस तरह की तस्वीर सामने ना आए, लेकिन सवाल पैदा होता है कि रायडीह में बीडीओ बैठते है, रायडीह में स्वस्थ केंद्र है उनकी ओर से इस समय के समाधान को लेकर पहल क्यों नहीं हुई.
रिपोर्ट-सुशील कुमार