धनबाद(DHANBAD) : बिहार से बाहर निकलकर नीतीश कुमार की पार्टी अब झारखंड में भी पैर पसारने के लिए उतावली है. झारखंड में जदयू को सरयू राय जैसा एक नेता मिल गया है. इससे झारखंड में एनडीए फोल्डर में सीटों के बंटवारे में पेंच फंस सकता है. सरयू राय बहुत दिनों से कोई बड़ा प्लेटफार्म तलाश रहे थे. अंततः वह जदयू में शामिल हो गए. 2004 में जदयू बाघमारा, छतरपुर, डाल्टनगंज, तमाड़ और मांडू सीट पर जीत दर्ज की थी. अब जदयू इन सीटों को टारगेट में रखकर चलेगा. लेकिन जमशेदपुर पूर्वी सीट भी जदयू के टारगेट में होगा, क्योंकि सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी सीट से ही सिटिंग एमएलए है. अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में 2004 में जीते जदयू की सीटों पर वोटों की गणना की जाए, तो मांडू में कांग्रेस को 86,609 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 1,18, 677 वोट प्राप्त हुए थे.
धनबाद के बाघमारा पर भी जदयू कर सकता है दावा
बाघमारा की बात की जाए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को 51,1 40 वोट मिले थे, जबकि आजसू को 81,597 वोट प्राप्त हुए थे. तमाड़ सुरक्षित सीट की बात की जाए तो कांग्रेस को यहां 75,786 वोट मिले थे, जबकि भाजपा को 69,798 वोट प्राप्त हुए थे. डाल्टनगंज में बीजेपी को 1,55,023 वोट प्राप्त हुए थे, जबकि राजद को 72,447 वोट पर संतोष करना पड़ा था. इसी तरह छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 95,985 वोट मिले थे और राजद को 71,382 वोट मिले थे. इसके अलावे जैसी की सूचना निकलकर आ रही है कि सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से ही चुनाव लड़ेंगे. हालांकि मंगलवार को धनबाद पहुंचे विधायक सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी सीट उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है. लेकिन तय तो अब गठबंधन के नेता ही करेंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे जदयू में शामिल होने के पहले से ही भाजपा और जदयू में गठबंधन है. इसलिए इसका निर्णय पार्टी के बड़े नेता ही करेंगे.
धनबाद में एक नया संकेत भी दे दिया
उन्होंने यह कहकर भी एक नया संकेत दे दिया कि झारखंड में इस बार विधानसभा चुनाव कांटे का होगा. वैसे, जमशेदपुर पूर्वी सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा मूलक सीट है. इतना तो तय है कि इस बार विधानसभा चुनाव कई मामलों में कुछ अलग होगा. नए-नए समीकरण बनेंगे, वोटरों को नए ढंग से साधा जाएगा. झारखंड में जदयू को एक नेता मिल गया है. चर्चित विधायक सरयू राय जदयू में शामिल हो गए है. इतना तो अब तय है कि सरयू राय के जदयू में शामिल होने के बाद एनडीए में जदयू के मोल-भाव करने की ताकत बढ़ जाएगी. जमशेदपुर पूर्वी सीट से भी जदयू दावा कर सकता है, क्योंकि सरयू राय यही से विधायक हैं और उसके बाद तो यहीं से पेंच फंसना शुरू होगा. सरयू राय अगर जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा का समर्थन मांगेंगे. जमशेदपुर पूर्वी सीट से 2019 में सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पराजित किया था. सरयू राय ने भाजपा से यह सीट छीन ली थी. लेकिन अब भाजपा को 2024 में भी यह सीट वापस मिलेगी, इसमें संदेह है.
कुरमी वोटों को लेकर जबरदस्त घेराबंदी होगी.
वैसे, इस बार झारखंड के चुनाव में कुरमी वोटों को लेकर जबरदस्त घेराबंदी होगी. नीतीश कुमार की पार्टी भी कुरमी वोटों पर डोरा डालेगी तो आजसू भी वही काम करेगा. फिर जयराम महतो की पार्टी भी उसी राह पर चलेगी. मतलब सबकी नजर "2024 के विधानसभा चुनाव में कुरमी वोटों पर रहेगा. 2019 में तो भाजपा झारखंड में विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ी थी. आजसू के साथ भी उसका गठबंधन नहीं था. तो जदयू के साथ भी नहीं था. वैसे, सरयू राय ने जदयू में शामिल होकर भाजपा के लिए परेशानी ही पैदा की है. अब देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड के कितने सीटों पर जदयू दावा करता है. फिर कितनी सीटों पर आखिरकार समझौता हो पता है. झारखंड में जदयू के पास कोई बड़ा नेता नहीं था. सवाल उठ रहा है कि कुरमी की राजनीति के दम पर खड़ी आजसू को "2024 में बड़ी चुनौती मिलेगी, यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि खतियानी नेता जयराम महतो की पार्टी ने लोकसभा चुनाव में अच्छा परफॉर्मेंस किया है. मतलब आजसू हो या जयराम महतो की पार्टी अथवा फिर नीतीश कुमार की पार्टी हो, सभी लोग कुरमी वोटों पर जोर लगाएंगे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो