धनबाद(DHANBAD): सवाल है कि धनबाद कब तक दाता की भूमिका में रहेगा. लगातार अपनी उपलब्धि सिद्ध करने के बाद भी उसे कोई फल नहीं मिलेगा. यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि धनबाद रेल मंडल कमाने में तो नंबर वन साबित हो चुका है. धनबाद में संचालित कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई बीसीसीएल कोयले के उत्पादन में भी रिकॉर्ड बना लिया है. लेकिन सुविधा की जब बारी आती है तो धनबाद को दरकिनार कर दिया जाता है. फिर एक बार ऐसा ही कुछ हुआ है. धनबाद स्टेशन से नई ट्रेन चलाने की उम्मीद पर फिर एक बार पानी फिर गया है .जयपुर में नेशनल टाइम टेबल कमेटी की तीन दिन की बैठक में धनबाद को कोई महत्व नहीं मिला. धनबाद से आनंद विहार, जम्मू तवी और एर्नाकुलम की रूटों पर नई ट्रेन चलाने की प्रस्ताव पर मंथन तो हुआ लेकिन कोई निर्णय नहीं हुआ.
धनबाद के किसी भी मांग पर बैठक में सहमति नहीं बनी
इंडियन रेलवे टाइम टेबल कमेटी की बैठक जयपुर में 10 से 12 अप्रैल तक हुई. अंतिम दिन शुक्रवार को धनबाद होकर हावड़ा से गया के बीच वन्दे भारत ट्रेन चलने पर सहमति बनी. कमेटी ने टाटानगर से पटना के बीच वाया गोमो भी वंदे भारत ट्रेन चलाने का निर्णय लिया. दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस का टाइम टेबल तय करने के बाद इसे शुरू करने की तिथि की घोषणा की जाएगी. 30 वर्षों से धनबाद लगातार दिल्ली की ट्रेन की मांग कर रहा है. हर संसदीय समिति की बैठक में प्रमुखता से कई सांसद इस मांग को रखते आ रहे हैं. पहली बार धनबाद से एर्नाकुलम और जम्मू तवी के लिए भी ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भेजा गया था. धनबाद के किसी भी मांग पर बैठक में सहमति नहीं बनी. आनंद विहार के लिए दीक्षाभूमि की रूट पर सप्ताह में 6 दिन, रक्सौल हैदराबाद एक्सप्रेस के रास्ते एर्नाकुलम के लिए और सियालदह से धनबाद होकर चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस की रूट पर धनबाद जम्मूतवी एक्सप्रेस चलने की मांग की गई थी.
हावड़ा से गया के बीच वंदे भारत ट्रेन चलने पर अभी टाइम टेबल कमेटी की बैठक में सहमति बनी है. लेकिन जब तक ट्रेन चलने नहीं लगती है तब तक कम से कम धनबाद के लोग इस पर भरोसा नहीं करेंगे. इससे पहले भी धनबाद होकर रांची से हावड़ा के लिए वंदे भारत चलाने की उम्मीद जगी थी. हावड़ा से वाराणसी के बीच और रांची से पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन चली लेकिन एक भी वंदे भारत धनबाद की झोली में नहीं आई. अब देखना है इस निर्णय पर क्या होता है. धनबाद लगातार सीधी ट्रेन की मांग करता रहा है लेकिन उसे ट्रेन मिलती नहीं है .कहा जाता है कि धनबाद लोडिंग स्टेशन है और लोडिंग स्टेशन से सीधी ट्रेन चलाने का प्रावधान नहीं है. इसलिए धनबाद के अगल-बगल के स्टेशनों से ट्रेन चलाई जाती है. धनबाद को एयरपोर्ट तो मिला नहीं,सीधी ट्रेनों में भी धनबाद की लंबे समय से उपेक्षा की जाती रही है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो