☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

झारखंड के इस राम भक्त ने संताली भाषा में की रामायण कथा पुस्तक की रचना, पढ़ें मंगल मंडल के पुस्तक लिखने की रोचक वजह  

झारखंड के इस राम भक्त ने संताली भाषा में की रामायण कथा पुस्तक की रचना, पढ़ें मंगल मंडल के पुस्तक लिखने की रोचक वजह   

दुमका (DUMKA): 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. सनातन धर्मबलम्बियों की सदियों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है.वहीं इसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है. पूरा देश राममय हो गया है.उत्सवी माहौल के बीच झारखंड की उपराजधानी दुमका का एक व्यक्ति अचानक सुर्खियों में है. इनका नाम है मंगल मंडल है. जिसने गैर संथाल होकर भी संथाल समाज में घर घर तक भगवान राम को पहुंचाने का संकल्प लिया और पत्नी कुमुदनी हांसदा के साथ मिलकर 2 वर्षों के अथक परिश्रम से संथाली रामायण कथा नामक पुस्तक की रचना कर डाली.

पुस्तक की रचना के पीछे की रोचक कहानी जानिए 

आपको बता दें कि मंगल मंडल की पत्नी अब इस दुनिया मे नहीं रही, लेकिन पत्नी की बातों पर अमल करते हुए संथाली रामायण कथा नाम की पुस्तक को बेचने के बजाय गांव-गांव घूमकर संथाल समाज के बीच इसका वितरण कर रहे हैं.पुस्तक की रचना के पीछे भी बड़ी रोचक कहानी है.मंगल मंडल और उनकी पत्नी एकल अभियान से जुड़ कर क्षेत्र में कार्य करते रहे. सफा गुरु मंगल बताते हैं कि एक बार आसनबनी में राम कथा का आयोजन हुआ. राम कथा कहने दोनों गए थे. वहां हिंदी के साथ साथ बांग्ला में राम कथा कही जा रही थी, लेकिन काफी संख्या में संथाल समाज के लोग श्रोता बन कर पहुंचे थे, जो ना तो हिंदी समझ पा रहे थे और ना ही बांग्ला. संथाल समाज के श्रोता ने संथाली भाषा मे राम कथा सुनाने का आग्रह किया. इस आग्रह ने पति पत्नी के जीवन मे ऐसा प्रभाव डाला कि लग गए संथाली भाषा मे रामायण की रचना करने में ताउम्र इस कार्य मे पत्नी ने साथ दिया. पत्नी की मृत्यु के बाद इस काम में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मित्र रामे हांसदा का सहयोग मिल रहा है.

जन जन तक राम को पहुंचाने के उद्देश्य से सरल भाषा में लिखी पुस्तक 

वहीं मंगल मंडल बताते है कि संथाल समाज के आराध्य शिव और राम रहे हैं. वनवास के दौरान भगवान राम 12 वर्षों तक आदिवासियों के साथ समय व्यतीत किया था. आदिवासी समुदाय का भगवान राम से गहरा लगाव होने के बाबजूद आज की पीढ़ी प्रभु श्रीराम से दूर हो रही है.जन जन तक राम को पहुंचाने के उद्देश्य से इस पुस्तक को सरल भाषा मे लिखी गयी है, ताकि बच्चा बच्चा इसे पढ़ सके. अब तो संथाली भाषा मे ही मंगल मंडल राम कथा कहते हैं, जिसे सुनने काफी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं.अब तक मंडल मंडल द्वारा संथाली राम कथा की 9 हजार प्रतियां वितरित की जा चुकी है.इनकी बस एक ही ख्याइश है कि राम काज में ही जीवन के बांकी दिन समर्पित हो, तभी तो अयोध्या में रामलला के विराजमान होने का अन्य राम भक्तों की भांति इन्हें भी बेसब्री से इंतजार है.

रिपोर्ट-पंचम झा

Published at:17 Jan 2024 12:33 PM (IST)
Tags:Ram devotee of Jharkhand Ram devotee JharkhandRamayana Katha book Ramayana Katha Ramayana Katha book in Santali Santali languageRamayana Katha book in Santali languageMangal Mandal Mangal Mandal dumka Ramayana Katha book in Santali bookdumkadumka newsdumka news todayjharkhandjharkhand newsjharkhand news today
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.