धनबाद(DHANBAD): झारखंड का यह व्यक्ति अचानक चर्चे में आ गया. चर्चा इसलिए तेज हुई कि देश के प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की वसीयत में 650 करोड रुपए की संपत्ति इस व्यक्ति को मिली है. इसका नाम मोहिनी मोहन दत्ता है. यह जमशेदपुर के कारोबारी हैं , लेकिन फिलहाल मुंबई में रहते है. लोग बताते हैं कि मोहनी मोहन दत्ता हमेशा रतन टाटा के साथ साये की तरह रहते थे. दरअसल, शुक्रवार को रतन टाटा की वसीयत में उनका नाम आने से अचानक सुर्खियों में आ गए. उनके नाम 650 करोड रुपए की संपत्ति की गई है. पिछले कुछ वर्षों से वह मुंबई में ही रह रहे है. वैसे तो स्वर्गीय रतन टाटा की वसीयत सामने आने के बाद हलचल मच गई थी. लोग यह भी बताते हैं कि दत्ता की पहली मुलाकात रतन टाटा से जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी. जब वह ट्रेनिंग के दौरान यहां रहते थे.
रतन टाटा जब 24 साल के थे तो हुई थी मुलाकात
1960 में जब रतन टाटा 24 साल के थे, तब उनकी मुलाकात दत्ता से हुई थी. उस समय रतन टाटा, टाटा समूह में एंट्री करने वाले थे. रतन टाटा के निधन के बाद मोहनी मोहन दत्ता ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनकी रतन टाटा से मुलाकात ने उनकी जिंदगी बदल दी. इस मुलाकात के बाद मोहनी मोहन दत्ता को बड़ी सफलता मिली. उन्होंने एक ट्रैवल एजेंसी की शुरुआत की. कहा जाता है कि मोहिनी मोहन दत्ता टाटा ग्रुप के साथ करीब 6 दशक से जुड़े रहे. जो भी हो, लेकिन रतन टाटा की वसीयत में 650 करोड़ की संपत्ति मिलने के बाद अचानक वह चर्चा में आ गए है. रतन टाटा की वसीयत को उनके निधन के लगभग दो सप्ताह बाद सार्वजनिक किया गया था.
रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते की देखभाल के लिए भी रकम तय की थी
रतन टाटा की संपत्ति में उनके भाई, सौतेली बहनों और उनके घरेलू कर्मचारी, उनके एक्सक्यूटिव असिस्टेंट समेत कई लोगों के बीच बांटा गया था. रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते की देखभाल के लिए भी रकम तय की थी. अगस्त महीने में जारी एक लिस्ट के अनुसार, रतन टाटा के पास टाटा संस में लगभग 0.83% हिस्सेदारी थी और उनकी पूरी संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये थी. वहीं, अन्य संपत्ति मिलाकर उनके नाम अनुमानित कुल 10,000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी थी. रतन टाटा की संपत्ति का सबसे प्रमुख हिस्सा, ग्रुप की कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा, उनके पास बंगला, कार और अन्य प्रॉपर्टीज भी हैं, जिनका उनकी वसीयत में जिक्र है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो