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पंडित नेहरू के "आइडिया ऑफ इंडिया" का लोकार्पण करने वाली बुधनी का ऐसा है अतीत और वर्तमान

पंडित नेहरू के "आइडिया ऑफ इंडिया" का लोकार्पण करने वाली बुधनी का ऐसा है अतीत और वर्तमान

धनबाद(DHANBAD):  बुधनी माझिआइन   तो अब बूढ़ी हो गई है, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन कई यादों को समेटे पंचेत डैम  अभी भी अपनी जगह पर खड़ा अट्टहास कर रहा  है.   जिस उद्देश्य के लिए उस का निर्माण कराया गया था, उन को पूरा कर रहा है.  इसका  उद्घाटन करने वाली बुधनी  अब फटे हाल   है.  वह कभी पंचेत डैम  को निहार कर अपने अतीत पर खुश होती है तो कभी वर्तमान  को  कोसती है. 
 उम्र के अंतिम पड़ाव में उसके पास पक्का मकान नहीं है, जो है वह जीर्ण शीर्ण  अवस्था में है.  6 दिसंबर 1959 को डीबीसी के पंचेत डैम का उद्घाटन इसी बुधनी ने  किया था.  हालांकि उद्घाटन के समय देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू मौजूद थे.  लेकिन उन्होंने स्वयं उद्घाटन नहीं कर बुधनी से   पंचेत डैम का उद्घाटन कराया था.  

65 वर्ष पहले पंचेत डैम का हुआ था उद्घाटन 

लगभग 65 वर्ष पहले पंचेत डैम का उद्घाटन हुआ था और यह उद्घाटन पूरे तामझाम के साथ हुआ था.  देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने धनबाद जिले को दो तोहफा दिए थे.  एक तोहफा था सिंदरी खाद कारखाना तो दूसरा तोहफा था डी बीसी का पंचेत डैम.  यह डैम  अपने आप में प्रकृति की  सुंदरता को समेटे हुए है.  अभी भी वहां सैलानियों की भीड़ जुटती  है और लोग आनंद लेते है.  इस डैम को  "आइडिया ऑफ इंडिया" का प्रतीक माना गया है.  सिंदरी खाद कारखाना तो बंद हो गया हालांकि अपने उद्घाटन काल के बाद यह कारखाना कई ऊंचाइयों को छूआ , लेकिन धीरे-धीरे भ्रष्टाचार और लालफीताशाही का शिकार होकर यह  कारखाना हमेशा- हमेशा के लिए बंद हो गया. हालांकि इसी  जगह से अभी HURL कंपनी ने उत्पादन शुरू किया है.  लेकिन उत्पादन के साथ ही  कंपनी धनबाद के नेताओं से परेशान है.  उत्पादन शुरू होने के साथ ही नेताओं का आंदोलन भी शुरू हो गया है.  खैर, बुधनी  अभी भी डी बीसी पंचेत  की जमीन पर बने  घर में रह रही है. 

बुधनी के लिए कुछ करने की मांग पर उठने लगे है हाथ 
 
कांग्रेस नेता सुधांशु शेखर झा ने  इस आदिवासी महिला को वस्त्र देकर सम्मानित किया और मांग की कि आदिवासी महिला के लिए जिस जगह पर वह  रही है, उसी जमीन पर डी बीसी को एक मकान तुरंत बनवा देना चाहिए, जो उसके मृत्यु उपरांत भी एक स्मारक के रूप में रहे.  उन्होंने डी बीसी में कैजुअल में काम कर रहे बुधनी के  छोटे नाती की नौकरी स्थाई करने की भी मांग की है. डीवीसी का   पंचेत डैम झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर दामोदर नदी के ऊपर बना हुआ है.  पंचेत डैम का इलाका झारखंड में पड़ता है जबकि टरबाइन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला में आता है.  डैम  के चारों ओर पहाड़ और जंगल है, यह इलाका पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:29 May 2023 06:18 PM (IST)
Tags:dhanbadpanchetdampandit nehrubudhanipresent
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