धनबाद(DHANBAD): धनबाद में पशु तस्करों की ठाट और आर्थिक ताकत देखिए. स्कॉर्पियो के बाद लग्जरी गाड़ी टवेरा से पशुओं की तस्करी का खुलासा हुआ है. इस घटना ने सबको चौंकाया है. स्कॉर्पियो से भी तस्करी का मामला मैथन में ही पकड़ में आया था और टवेरा से भी तस्करी का खुलासा मैथन में ही हुआ है. यह बंगाल का बॉर्डर है. दोनों मामले ऐसे हैं कि इससे साबित होता है कि जीटी रोड पर पशुओं की तस्करी बेधड़क चल रही है. शनिवार, रविवार की रात लगभग 3 बजे मैथन पुलिस जब गश्ती पर थी तो एक टवेरा गाड़ी को बेतहाशा भागते देखा. पेट्रोलिंग टीम ने गाड़ी का जब पीछा किया तो गाड़ी और तेज भागने लगी, फिर आगे जाकर एक गड्ढे में गिर गई. तब तक पुलिस भी पहुंच गई थी. पुलिस को देखते ही गाड़ी में सवार लोग भाग निकले लेकिन टवेरा गाड़ी में तीन गाय और एक बैल लदे मिले. यह देख पुलिस वाले भी हैरत में पड़ गए. फिर गाड़ी से पशुधन को निकालकर थाना ले जाया गया. इसके पहले भी स्कॉर्पियो से पशु तस्करी का खुलासा हुआ था. स्कॉर्पियो में 4 पशुओं को ले जाया जा रहा था, जिसमें एक मर चुका था. फिर भी तस्कर उसको लिए जा रहे थे. टवेरा गाड़ी में भाजपा का स्टीकर भी लगा हुआ था. अभी हाल ही में हजारीबाग में भी ऐसा ही मामला पकड़ में आया था. इसके पहले धनबाद के बरवा अड्डा में डाक पार्सल लिखे कंटेनर में पशुओं को ठूंस ठूंस कर ले जाने का खुलासा हुआ था. आखिर इन पशु तस्करों की पीठ पर किसका हाथ है कि वह बेधड़क धंधा कर रहे हैं.
सूत्र तो बताते हैं कि जब गाड़ियां सड़क पर चलती है तो हथियारबंद लोग भी उन्हें एस्कॉर्ट कर चलते हैं. ऐसे लोग किसी भी खतरे से निपटने के लिए खुद को सक्षम मानते हैं .पुलिस भी जब सक्रिय होती है तो इसकी सूचना चालक को देकर गाड़ी का या तो रास्ता बदल दिया जाता है या फिर कहीं खड़ी कर दी जाती है. जिस गौ माता की पूंछ पकड़कर मृत आत्मा के बैतरणी पार करने की परंपरा रही है, उसी गौ माता को क्या मालूम कि उनकी तस्करी से धंधेबाज लाखों लाख कमाएंगे और सरकारी एजेंसियां भी इसमें प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष हिस्सेदार बनेगी.
रिपोर्ट: शांभवी, धनबाद