दुमका (DUMKA) : जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला की अध्यक्षता में बुधवार शाम दुमका के हिजला मैदान में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव 2023 के आयोजन को लेकर बैठक आयोजित किया. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 24 फरवरी से 03 मार्च 2023 तक राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन होगा.
लोगों में उमंग
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि पूरे संताल परगना प्रमंडल में हिजला मेला के नाम से उमंग भर आता है. राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव संताल परगना के सभी जिलों से मेला में लोगों की भागीदारी इस वर्ष भी होगी. सभी छह जिलों में इस मेला का प्रचार-प्रसार व्यापक रूप से किया जाएगा. राज्य स्तर के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर तक मेला की पहुंच होगी. मेला में लगाये जाने वाले स्टॉल में कृषि के अत्याधुनिक तकनीक के साथ साथ अन्य चीजों को दर्शाया जायेगा. एक सप्ताह चलने वाले इस मेले में प्रत्येक दिन पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा.
विभिन्न माध्यमों से होगा प्रचार प्रसार
राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव की गतिविधियों को प्रचार के विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर प्रचार प्रसार किया जायेगा. बैठक में मेला को भव्य बनाने पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. यातायात, शौचालय, पर्याप्त रौशनी, पेयजल, बेहतर साज सज्जा, साफ-सफाई, सड़क की मरमत, रंगाई पोताई पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई. इस दौरान उपायुक्त ने संबंधित अधिकारी को हिजला मैदान में बन रहे नए कालामंच को जल्द पूर्ण करने को कहा.
निकलेगा उल्लास का जुलूस
उपायुक्त ने कहा कि उद्घाटन के दिन उल्लास का जुलूस निकाला जायेगा. प्रत्येक दिन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. मेला की विभिन्न उप समितियों का गठन किया जायेगा. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी उप समिति आयोजन को लेकर बैठक करेंगे. उद्घाटन, समापन, खेलकूद, विधि व्यवस्था, पार्किंग, बन्दोबस्ती के साथ साफ सफाई पर विशेष चर्चा हुई. मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने हैंडीक्राफ्ट, स्थानीय लुप्तप्राय विधियों यथा कृषि संबंधी तकनीक, लुप्त होने वाली स्थानीय कला को संरक्षित करने की बात कही. बैठक से पहले उपायुक्त ने पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण कर अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिया. बैठक में जिला परिषद अध्यक्षा जोयस बेसरा ने हिजला मेला की संपूर्ण जानकारी उपस्थित अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच रखा. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को मेला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपील की.
बैठक में मौजूद रहे यह लोग
बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, डीआरडीए निदेशक, अनुमंडल पदाधिकारी, प्रभारी उप निदेशक जनसंपर्क सहित जिले के अन्य वरीय पदाधिकारी, हिजला मेला समिति के सदस्य और अन्य उपस्थित थे.
प्रमंडल का सबसे पुराना मेला
बता दें कि हिजला मेला प्रमंडल का सबसे पुराना मेला माना जाता है. ब्रिटिश कालीन भारत में 1890 से मयूराक्षी नदी के किनारे हिजला मेला का आयोजन होता है. इसका पुराना नाम हिज लॉ यानी उनका कानून है जिसका अपभ्रंश हिजला हो गया. पूर्ववर्ती सरकार ने इसके नाम के पहले जनजाति शब्द जोड़ते हुए इसे राजकीय मेला का दर्जा दिया. समय के साथ मेले की भव्यता बढ़ती गयी. गत 2 वर्षों से कोरोना के कारण हिजला मेला के आयोजन पर ग्रहण लग गया था. इस वर्ष जब हालात सामान्य है तो जिला प्रशासन द्वारा भव्यता के साथ मेला के आयोजन का निर्णय लिया गया है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका