धनबाद(DHANBAD): प्राक्क्लन घोटाले के बाद धनबाद नगर निगम में फिर एक जांच हो सकती है. झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की शिकायत पर नगर विकास विभाग ने जांच कराने का निर्णय लिया है. यह जांच टीम कभी भी धनबाद धमक सकती है. झरिया विधायक ने नगर विकास सचिव को पत्र लिखकर धनबाद नगर निगम के जैम पोर्टल के नाम पर हो रही गड़बड़ी की ओर सरकार का ध्यान खींचा था. कहा था कि मामला बड़ा है, इसलिए इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए. विधायक का आरोप है कि जैम पोर्टल से खरीदी जाने वाली सामग्री में अनियमितता की जा रही है. कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे है. सप्लायरों से सांठगांठ कर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है. तत्काल उन्होंने पूरे मामले की ऑडिट कराकर रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है. आरोप है कि जैम पोर्टल से जो खरीदारी होती है, उसका भुगतान बाजार दर से अधिक किया जाता है. निगम के कर्मचारी सामग्री खरीदारी की सूचना पहले ही आपूर्तिकर्ता को दे देते है. उसके बाद खेल शुरू होता है और मिलीभगत से अधिक मूल्य की सामग्री पर आपूर्ति हो रही है.
विक्रम अग्रवाल के शिकायत पत्र को भी भेजा गया
विधायक ने मनईटांड़ के रहने वाले विक्रम अग्रवाल के शिकायत पत्र को भी नगर विकास सचिव को प्रेषित किया है. जिसमें गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है. निगम की परिवहन शाखा में भी गड़बड़ी की शिकायत है. डीजल- पेट्रोल की खरीद में हेराफेरी की बात कही जा रही है. परिवहन विभाग में एक ही पद पर वर्षो से जमे लोग यह सब कर रहे है. निगम के ही सूत्र बताते हैं कि विधायक की शिकायत पर अगर जांच शुरू हुई तो कई लोगों की गर्दन फंसेगी. यह अलग बात है कि 14वें वित्त आयोग से सड़क बनाने के मामले को लेकर निगम चर्चा में आया था. इसके पहले 14वें वित्त आयोग की राशि से 40 सड़क बनाने की स्वीकृति मिली थी. 27 सड़कों की डीपीआर तो निगम के इंजीनियरों ने बनाया लेकिन 13 सड़कों के लिए बाहर की एजेंसी से डीपीआर बनवाई गई थी. आरोप लगाया गया था कि इसमें गड़बड़ी की गई है.
नगर विकास विभाग के तत्कालीन अपर सचिव ने भी की थी जाँच
नगर विकास विभाग के तत्कालीन अपर सचिव ने धनबाद आकर इसकी जांच पड़ताल की थी. जांच पड़ताल के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पूरे मामले की जांच निगरानी ब्यूरो से कराने का आदेश दिया था. जांच अभी किस स्थिति में है, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन एक बार फिर निगम जांच को लेकर चर्चा में आ गया है. देखना है कि इस जांच में क्या खुलासे होते है. अभी निगम की पूरी व्यवस्था सरकार की अधीन है, समय पूरा होने के बाद बोर्ड भंग हो गया है. वैसे धनबाद नगर निगम के पहले यहां नगर पालिका थी. 2010 में धनबाद में नगर निगम बना. पहली बार नगर निगम के हुए चुनाव में श्रीमती इंदु देवी मेयर चुनी गई. उसके बाद 2015 में धनबाद नगर निगम का चुनाव हुआ तो उसमें शेखर अग्रवाल मेयर बने थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो