धनबाद(DHANBAD): बाजारों में ऑफरों की भरमार है. खरीदारों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर की घोषणाएं की गई है. अभी भी की जा रही है. प्रचार के नए-नए तरीकों के अलावा पुराने तरीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. वाहनों से ऑफर की घोषणाएं गली मुहल्ले में घूम-घूम कर की जा रही है. पूजा का आज चौथा दिन है. माहौल धीरे-धीरे पूजा मय होने लगा है. बाजार भी इस बार पूरी तैयारी में है. बोनस के पैसों का लाभ बाजार भी लेगा और खरीदार भी करेंगे.
धनबाद जिले के बैंकों में 400 करोड़ रुपए से आदिक आने की संभावना
कोयलांचल की बात की जाए तो हर गली मोहल्ले और बाजार में पूजा की खरीदारी की चर्चा हो रही है. एक अनुमान के अनुसार कोयलांचल के बाजार में लगभग 400 करोड़ से अधिक रुपए आएंगे. 300 करोड़ रुपए तो सिर्फ बीसीसीएल के कर्मियों को बोनस के रूप में मिलेगा. इसके अलावा यहां दामोदर वैली कॉरपोरेशन, टाटा स्टील, रेलवे सहित अन्य केंद्रीय संस्थान है. ऐसे में अनुमान किया जाना चाहिए कि धनबाद जिले के बैंकों में 400 करोड़ रुपए से अधिक आएंगे. बीसीसीएल में उम्मीद की जा रही है कि 19 से 20 अक्टूबर तक बोनस का भुगतान हो जाएगा. इस बार बीसीसीएल कर्मियों को 85000 बोनस देने की घोषणा की गई है. डीवीसी ने भी अपने अ स्थाई कर्मियों को बोनस की घोषणा कर दी है. यह राशि 12, 259 से लेकर 20, 254 के बीच चार कैटेगरी के कर्मियों में बांटी जाएगी.
सेल के बोनस भुगतान की बैठक में नहीं बनी सहमति
इधर, सेल के विभिन्न इकाइयों के लिए मंगलवार को हुई बोनस भुगतान की बैठक में सहमति नहीं बनी. नेशनल जॉइंट कमिटी फॉर स्टील की बैठक में यूनियनों ने पिछले साल जितना भुगतान हुआ था, उसकी मांग रखी. लेकिन प्रबंधन इसे खारिज कर दिया. यूनियन की मांग थी कि 40,500 का भुगतान किया जाए. लेकिन प्रबंधन 23000 रुपए बोनस देने की बात पर अड़ा रहा. नतीजा हुआ कि बात टूट गई. अब आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी. वैसे धनबाद में छोटे-छोटे उद्योगों में भी बोनस भुगतान की परंपरा है. कोयल पर आधारित उद्योगों में भी बोनस भुगतान किया जाता रहा है. लेकिन इस बार कोयला आधारित उद्योग की हालत सही नहीं है. अधिकांश उद्योग बंद हो गए हैं. नतीजा है कि कोयला आधारित इन हार्ड कोक उद्योगों में काम करने वाले कर्मी बेरोजगार हो गए हैं.
वैसे उद्योग मालिकों का कहना है कि बेरोजगार हुए लोग ही जान पर खेल कर पेट के लिए अवैध माइनिंग में शामिल हो गए हैं. रोजी रोजगार का जुगाड़ कर रहे हैं. अभी 2 दिन पहले ही कापासारा में अवैध उत्खनन में दो लोगों की मौत हो गई थी. यह अलग बात है कि अभी तक इस घटना को पुलिस और ECL मैनेजमेंट झुठला रहा है.कारोबारियों का कहना है कि अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो इस साल कोरोना से उपजा दुख दर्द खत्म हो जाने की उम्मीद है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो