धनबाद(DHANBAD): धनबाद जेल में 3 दिसंबर को कुख्यात गैंगस्टर अमन सिंह की गोली मारकर हत्या के बाद धनबाद जेल की सुरक्षा और बंदियों पर नजर कड़ी कर दी गई है. धनबाद जेल में लगभग 25 सेल हैं. हर सेल में बंदियों को रखा गया है. वार्ड को भी अलग-अलग समय पर खोला जा रहा है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है की जेल में बंदियों का गुट आमने-सामने नहीं हो. धनबाद जेल में गैंग वार नहीं हो.
झारखंड के जेलों में क्षमता से अधिक कैदी
इधर, झारखंड के सभी जेलों कि अभी चर्चा है. पूरे प्रदेश में कुल 31 जेल हैं. विधायक प्रदीप यादव के अल्प सूचित प्रश्न के आलोक में गृह विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार झारखंड के 31 जेल में 20 ऐसे हैं, जिनमें क्षमता से अधिक कैदी हैं. झारखंड के कुल जेलों में 17461 बंदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन अभी 18900 बंदी रह रहे हैं. क्षमता की तुलना में 108 प्रतिशत अधिक मरीज रह रहे हैं. इन मरीजों में अधिकतर विचाराधीन हैं .इनकी संख्या 13636 है. वहीं सजायाफ्ता कैदियों की संख्या 5264 है. राज्य के सात सेंट्रल जेल में पांच में क्षमता से अधिक बंदी हैं. 3 दिसंबर को धनबाद जेल में अमन सिंह की गोली मारकर हत्या के बाद झारखंड के जेलों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं .
अमन सिंह की हत्या के बाद जेल में गुटों में बटे बंदी
धनबाद जेल में टकराव की आशंका को देखते हुए चौकसी बरती जा रही है. बारी-बारी से वार्डो को खोला जा रहा है. कहा जाता है कि अमन सिंह की हत्या के बाद जेल में कुछ बंदी गुटों में बट गए हैं. फिर मारपीट अथवा गैंग वार नहीं हो, इसके लिए जेल प्रबंधन सतर्कता बरत रहा है. इधर अमन सिंह हत्याकांड में सहयोग करने के आरोपी विकास बजरंगी को जेल वापस भेजा जा सकता है. पेट में दर्द की शिकायत पर गुरुवार से वह अस्पताल में भर्ती है. उसकी तबीयत में सुधार है. फिर से उसका अल्ट्रासोनोग्राफी की जाएगी, इसकी रिपोर्ट सही रही तो उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो