धनबाद(DHANBAD): केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह झारखंड में हैं. शुक्रवार को वह झारखंड पहुंचे और आज चाईबासा में सभा करेंगे. भाजपा के लोगों से मिलेंगे. संभवत कुछ निर्देश देंगे और झारखंड से ही रायपुर चले जाएंगे. अमित शाह के इस दौरे को 2024 के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. झारखंड के कोल्हान में भाजपा को फिर से काबिज करने के लिए ही संभवत कोल्हान को चुना गया है. इस दौरे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. चर्चाओं पर भरोसा करें तो इस दौरे के बाद दलों में टूट-फूट का सिलसिला शुरू होगा. भाजपा के लोग दूसरे दलों के लोगों को तोड़ेंगे तो दूसरे दल के लोग भाजपा के लोगों को अपने पक्ष में करेंगे. इस काम में भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे आगे रहेगा. हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी भी कुछ लोगों को अपने दल में शामिल कराएं या कांग्रेस के कुछ लोग दूसरे दलों में जाएं.
झारखंड अब पूरी तरह से 2024 के चुनावी मोड में
अभी झारखंड में सियासी घमासान चल रहा है. इस घमासान में कौन किस पर भारी पड़ता है, यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन झारखंड अब पूरी तरह से 2024 के चुनावी मोड में आ गया है. पिछली बार चुनाव में भाजपा ने संथाल परगना को टारगेट किया था, उसे भरोसा था कि संथाल परगना में झारखंड मुक्ति मोर्चा को वह कमजोर कर देगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके उलट कोल्हान में भाजपा कमजोर दिखी. हुआ यह कि जमशेदपुर पूर्वी से मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास चुनाव हार गए और वहां से सरयू राय निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विजई रहे. यह भाजपा के लिए बड़ा झटका था. यह भाजपा के लिए परेशानी का कारण बनी रही. इसी के बाद बाबूलाल मरांडी को आगे किया गया. इस टीस को मिटाने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगाएगी.
2024 के चुनाव में झारखंड में भाजपा की अग्निपरीक्षा
वैसे धनबाद की बात करे तो यह भाजपा का गढ़ माना जाता है. पशुपतिनाथ सिंह लगातार तीसरी बार धनबाद संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं. धनबाद के 6 विधानसभा सीटों में चार भाजपा के पास है. बावजूद अभी से ही कोयलांचल को साधने के लिए भाजपा ने उपाय शुरू कर दिए हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश कार्यसमिति की बैठक इसी महीने धनबाद में होने वाली है. पहले यह बैठक देवघर में होने वाली थी लेकिन उसको रद्द कर धनबाद कर दिया गया है. इसके पीछे सोच और मंशा क्या है ,यह तो समय बताएगा लेकिन इतना तय है कि अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा के नेताओं में सक्रियता आएगी और वह चुनावी तैयारी में जुट जाएंगे. वैसे भी झारखंड में भाजपा के वरीय नेताओं को पार्टी नेतृत्व को साधना होगा. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व बाबूलाल मरांडी पर भरोसा करेगी अन्यथा अन्य पर, यह देखने वाली बात होगी, शुक्रवार को एयरपोर्ट पर गृह मंत्री अमित शाह का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. इस स्वागत कार्यक्रम में चेहरा दिखाने की खूब होड़ रही, हालांकि बाद में अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ होटल चले गए. इस बात की भी खूब चर्चा हो रही है. देखना होगा कि झारखंड में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व वरीय नेताओं को किस प्रकार साधता है. सबसे अहम बात यह होगी कि इस बार के चुनाव में गिरिडीह से सांसद रहे रविंद्र राय को क्या जिम्मेदारी मिलती है. पिछली बार उनका टिकट काटकर राजद से आई अन्नपूर्णा देवी को टिकट दे दिया गया था. इस तरह के 2024 के चुनाव में केंद्रीय नेतृत्व के सामने कई कील कांटे भी आएंगे, देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व कैसे निकाल पाती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा भी ताकत झोकेगा. कांग्रेस भी अपनी औकात के अनुसार काम करेगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा भी कमर कसेगी तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी तनिक पीछे नहीं रहेगा. कांग्रेस के नेता भी अपने ढंग से काम करेंगे. 2024 के चुनाव में झारखंड में भाजपा की अग्निपरीक्षा तो होगी ही ,साथ ही साथ कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे की भी झारखंड कड़ी परीक्षा लेगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने वोटरों को साधने में लगा हुआ है ही.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद