धनबाद(DHANBAD):आज 31 दिसंबर है. 2023 का आज अंतिम दिन होगा. कई तरह की टीस देकर यह साल आज विदा हो जाएगा. लेकिन कई मायनों में धनबाद कोयलांचल के लोग इस साल को याद रखेंगे. धनबाद को यह साल दिया बहुत कम लेकिन परेशान अधिक किया. बावजूद नए वर्ष के आगमन और पुराने साल की विदाई की तैयारी के लिए धनबाद तैयार है. आज के दिन को यादगार बनाने के लिए कहीं सामूहिक तो कहीं व्यक्तिगत तौर पर प्रयास किए गए हैं. शहर के होटल, सामाजिक संस्थाएं तथा दूसरे संगठन के लोग भी अपने स्तर से तैयारी किए हुए हैं. कहीं 31 दिसंबर की रात की तैयारी हो रही है तो कहीं पहली जनवरी के जश्न का माहौल तैयार किया गया है.
जिला प्रशासन ने इस साल अपने स्तर से सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था किया है
वहीं पिकनिक स्पॉटों पर भी भीड़ जुट रही है. जिला प्रशासन ने इस साल अपने स्तर से पिकनिक स्पॉटों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की है. दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स तैनाती किए गए है. प्रमुख मंदिरों में भी पूजा पाठ और दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. बहुत सारे लोग नए साल की शुरुआत मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन से करेंगे. शक्ति मंदिर, भूईफोड मंदिर, खड़ेश्वरी मंदिर ,चिताहिधाम धाम में राम राज मंदिर में भी तैयारी की गई है. चर्च में विशेष प्रार्थना सभा होगी तो गुरुद्वारा में दीवान सजाए जाएंगे. क्लाबो में बाहर से कलाकारों को बुलाया गया है. जिसकी जितनी हैसियत, जिसके जितने ग्राहक, उसके हिसाब से कलाकारों को बुलाया गया है. कुल मिलाकर आज की रात धनबाद में धमाल मचेगा.
1 जनवरी को 3.50 करोड़ रुपए की शराब बेचने का लक्ष्य रखा है
वहीं इसके साथ ही नए साल पर धनबाद में शराब के शौकीनों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है .31 दिसंबर और पहली जनवरी को एक अनुमान के अनुसार धनबाद के लोग 3.50 करोड रुपए की शराब पियेंगे. उत्पाद विभाग ने नए साल को लेकर इतना का ही लक्ष्य रखा है. उत्पाद विभाग ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी को 3.50 करोड रुपए की शराब बेचने का लक्ष्य रखा है .इसके लिए शराब के सभी दुकानों में पर्याप्त स्टॉक भेजे गए हैं. धनबाद में अमूमन प्रतिदिन एक से डेढ़ करोड़ रुपये की शराब की खपत होती है. लेकिन नए वर्ष पर यह आंकड़ा दोगुना हो जाएगा. सिर्फ इतना ही नहीं, लगभग इतनी ही राशि के मटन और मुर्गेा की भी धनबाद जिले में खपत होगी. इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है. लेकिन सबसे अधिक जो बात आश्चर्य में डालती हैं, वह यह है कि दो दिनों में लोग खाने-पीने और जश्न मनाने में भरपूर खर्च करेंगे. खाने-पीने और मौज मस्ती का दौर चलेगा. बड़े-बड़े रेस्टोरेंट से लेकर छोटे-छोटे होटलों तक में तैयारी की गई है. लेकिन ग्राहकों के खाने-पीने की वस्तुओं में कितनी शुद्धता है, इसे देखने वाला कोई नहीं है.
फूड सेफ्टी विभाग तो सिर्फ धनबाद में नाम का रह गया
वहीं फूड सेफ्टी विभाग तो सिर्फ धनबाद में नाम का रह गया है. 31 दिसंबर और 1 जनवरी की तैयारी को देखते हुए जिस तरह से फूड सैंपल लेने की जरूरत है, उस हिसाब से काम नहीं किया गया है.कहा जा सकता है कि धनबाद जिले में इस विभाग के होने की सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है. इसकी कोई सक्रियता नहीं है. ऐसी बात नहीं है कि धनबाद में खाद्य आप मिश्रण की शिकायतें नहीं है. लगातार शिकायतें मिलती रहती हैं. अप मिश्रित खाद्य पदार्थ खाकर लोग बीमार भी पड़ते रहते हैं ,बावजूद इस जश्न की तैयारी के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिख रही है.
रिपोर्ट:धनबाद ब्यूरो