धनबाद(DHANBAD) : कोयलांचल में केवल ठेका कार्यों में ही 'कट मनी' नहीं ली जाती बल्कि कोलियारियों के लोडिंग पॉइंट पर भी वाहनों में कोयला लोड करने वाले मजदूरों से भी कट मनी की वसूली होती है. साल1985 के आस-पास यह सिस्टम भुरंगिया और लौहपिटी से चालू हुई और आज सभी लोडिंग पॉइंटो पर चल रही है. जिस इलाके में दबंगई अधिक है, वहां मजदूरों के दंगलों को लोडिंग रेट भी अधिक मिलता है. जाहिर है कट मनी भी दबंगों को अधिक मिलती है. बीसीसीएल में यह प्रथा 1985 के आसपास शुरू हुई.
एक समय लोडिंग दर थी 2 से 5 रूपए प्रति टन
उस समय प्रति टन लोडिंग की दर 2 से 5 रूपए थी जबकि आज यह कहीं 800 तो कहीं हजार तो कहीं इसे अधिक या कम है. जिस समय 2 से 5 रूपए प्रति टन लोडिंग की दर निर्धारित थी, उस समय कोयला अमूमन 32 रूपए प्रति टन मिलता था. आज बीसीसीएल के कोयले की कीमत 4000 से लेकर ₹11000 प्रति टन हो गया है. उस समय हार्डकोक 80 रूपए टन बाजार में बिकता था, जबकि आज हार्डकोक की कीमत 18000 से लेकर 30000 रूपए प्रति टन हो गया है. इधर, लोडिंग में कट मनी की प्रतिशत में भी बढ़ोतरी हुई है.
लोडिंग पॉइंटो पर होता रहता है विवाद
अक्सरहा लोडिंग पॉइंट पर विवाद होता रहता है. दंगल के दंगल मजदूर गुटों में बैठकर कोयला लोड करते है. इन जंगलों को किसी न किसी राजनीतिक दल अथवा दबंगों का संरक्षण मिला होता है. इसी संरक्षण के एवज में मजदूरों को कट मनी देनी पड़ती है और यह व्यवस्था जब से शुरू हुई है, तब से आज तक जारी है. जिस कोलियरी इलाके में जिस नेता अथवा दबंग का अधिक प्रभाव है ,उन्हें ज्यादा कट मनी मिलती है. मजदूरों के नाम पर राजनीति करने वाले उनके मेहनत के पैसे को ए सी कमरे में बैठकर आराम से उपयोग करते है.मजदूरों को तन ढकने के लिए कपडे नहीं होते लेकिन दबंगो का ठाट- बाट किसी महाराजा से कम नहीं होता.
रिपोर्ट: शांभवी, धनबाद