धनबाद(DHANBAD):धनबाद लोकसभा में चाहे बीजेपी हो अथवा कांग्रेस, भितरघात का खतरा टला नहीं है. सब कुछ सामान्य करने की कोशिश जारी है. संभवत इसी प्रयास के तहत रविवार को झारखंड बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई धनबाद पहुंचे. वह उन विधायकों और नेताओं से मुलाकात की, जिनके विधानसभा क्षेत्र की भूमिका धनबाद लोकसभा चुनाव के परिणाम में बड़ी होती है. पता चला है कि उन्होंने नेताओं से मुलाकात कर बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में सक्रियता बढ़ाने का आग्रह किया. कुछ विशेष लोगों से ही उनकी मुलाकात भी हुई. निवर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह धनबाद में नहीं है .इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हुई. प्रदेश प्रभारी ने नेताओं से बात कर फीडबैक भी लिया और सक्रियता बढ़ाने का आग्रह किया. यह जरूर कहा कि धनबाद सहित झारखंड की 14 सीट बीजेपी जीतेगी. नरेंद्र मोदी बीजेपी के चेहरा हैं और सब जगह मोदी चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी हर एक लोकसभा क्षेत्र को लेकर फीडबैक ले रही है
सूत्रों के अनुसार बीजेपी हर एक लोकसभा क्षेत्र को लेकर फीडबैक ले रही है कि किस नेता की कहां जरूरत है. उन्हें कितना सक्रिय करना है. किन लोगों को किस मोर्चे पर लगाना है, जैसे कई बिंदुओं पर पार्टी सोच विचार कर रही है. टिकट से वंचित नेताओं को पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में सक्रिय करने जैसे कई टास्क देने बाजपेई धनबाद पहुंचे. कहा जा सकता है कि असंतुष्टों को साधना मुख्य उद्देश्य था. सबसे पहले लक्ष्मीकांत वाजपेई धनबाद विधायक राज सिन्हा से उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों के बीच देर तक बातचीत हुई. इसके बाद वह सिंह मेंशन पहुंचे. कुंती सिंह और रागिनी सिंह से काफी देर तक बातचीत की. इसके बाद निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता से मिलने निरसा चले गए .सांसद पशुपतिनाथ सिंह से भी मिलने की कोशिश की. लेकिन संसद फिलहाल दिल्ली में है.
कांग्रेस में भी कई असंतुष्टों की सक्रियता कहीं दिख नहीं रही है
इधर कांग्रेस में भी कई असंतुष्टों की सक्रियता कहीं दिख नहीं रही है. जलेश्वर महतो, ददई दुबे जैसे लोग निष्क्रिय दिख रहे हैं. टिकट के दावेदारों में एक अशोक कुमार सिंह तो कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में उतर गए हैं. जो भी हो लेकिन धनबाद लोकसभा झारखंड की महत्वपूर्ण सीट बन गई है. पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर ढुल्लू महतो को टिकट देने के बाद बीजेपी धनबाद पर विशेष नजर रख रही है, तो वही कांग्रेस में भी कई दावेदारों को पछाड़कर अनुपमा सिंह ने टिकट हासिल कर ली है. कांग्रेस को भी भीतरघात का खतरा बना हुआ है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो