रांची(RANCHI): झारखंड का पारसनाथ पहाड़ का विवाद बढ़ता जा रहा है. आए दिन पारसनाथ को लेकर नेताओं का बयान आ रहा है. अब विभिन्न आदिवासी संगठन और आदिवासी नेता पारसनाथ पहाड़ को मरांग बुरु बता रहे हैं. मरांगबुरु को लेकर अब आंदोलन तेज होता जा रहा है. अभी तक आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. लेकिन नेताओं के बयान से लगता है कि आंदोलन अब उग्र होने के रास्ते पर है. इसी कड़ी में पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने बड़ा बयान दिया है. पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने एक बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार कर ली है.
सालखन मुर्मू ने कहा कि जिस तरह से पारसनाथ मामले को लेकर झारखंड के आदिवासियों के साथ ठगने का काम किया गया है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मरांगबुरू हमारे भगवान हैं और हम अपने आस्था और भगवान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर 11 फरवरी को झारखंड बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सभी राज्यों में एक दिवसिय रेल रोको चक्का जाम कार्यक्रम किया जाएगा. अगर इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो फिर 11 अप्रैल से उग्र आंदोलन देशभर में देखने को मिलेगी.
इतना ही नहीं पूर्व सांसद सालखान मुर्मू ने बाबरी मस्जिद और राम मंदिर की याद दिलाते हुए कहा कि जिस तरह से राम मंदिर आंदोलन देशभर में चला था. उसी तरह आंदोलन इस बार भी चलेगा और इतना ही नहीं हम आदिवासी पारसनाथ में जैन मंदिर पर भी अपनी आक्रोश निकालने के लिए मजबूर हो जाएंगे.