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हाल-ए-स्वास्थ्य व्यवस्था! ना रिम्स और ना ही सदर, तीन दिनों तक कही नहीं मिला बेड, आखिर में सदर के गेट पर डॉक्टर-डॉक्टर चिल्लाते मर गया मरीज

हाल-ए-स्वास्थ्य व्यवस्था! ना रिम्स और ना ही सदर, तीन दिनों तक कही नहीं मिला बेड, आखिर में सदर के गेट पर डॉक्टर-डॉक्टर चिल्लाते मर गया मरीज

रांची (RANCHI) : राजधानी रांची से एक दिल झकझोरने वाली खबर सामने आ रही है. जहां बेड मिलने का इंतजार कर रहे मरीज ने तीन दिन बाद रांची के सदर अस्पताल में दम तोड़ दिया. वैसे तो राज्य सरकार लगातार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा करती रही है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है. मामला लातेहार जिला से सामने आया है. जहां चंदवा सरोज नगर निवासी आशीष अग्रवाल अपने पिता राम प्रसाद अग्रवाल को नहीं बचा पाए, क्योंकि तीन दिनों तक उन्हें रिम्स या सदर अस्पताल में कोई खाली बेड नहीं मिला. लाचार बेटा अपने पिता को एम्बुलेंस में लेकर 7 से 9 अक्टूबर तक लातेहार से रिम्स, निजी अस्पतालों और सदर अस्पताल के चक्कर लगाता रहा.

इधर अधिकारी खिंचवाते रहे फोटो, उधर मरीज ने तोड़ा दम

सदर अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता का आलम यह था कि चिकित्सा अधिकारी नेत्र जांच वाहन का उद्घाटन और उसे रवाना करने में व्यस्त थे. जबकि गंभीर रूप से बीमार मरीज़ दोपहर 1:30 बजे से एम्बुलेंस में सलाइन पर था. उसकी पत्नी सलाइन की एक बोतल पकड़े हुए थी. इस दौरान मरीज एम्बुलेंस में ही बेड के इंतजार में लेटा रहा. एक घंटे बाद, काफी मिन्नतों के बाद, दो कर्मचारी ऑक्सीजन सिलेंडर और स्ट्रेचर लेकर आए और उन्हें अंदर ले गए. लेकिन किसी डॉक्टर ने उनकी देखभाल नहीं की. आखिरकार, ढाई घंटे बाद मरीज की मौत हो गई.

मरीज के बेटे आशीष ने बताया कि 7 अक्टूबर को वह अपने पिता के साथ शाम 4 बजे लातेहार से रिम्स पहुँचा. वहां कोई बेड खाली नहीं था, इसलिए उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया. सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा कि उसे सामान्य निमोनिया है और वह ठीक हो जाएगा. आशीष फिर लातेहार लौट आया. 8 अक्टूबर को वह अपने पिता को फिर सदर अस्पताल लाया, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया. फिर शाम 5 बजे वह अपने पिता को एक निजी अस्पताल ले गया. वहां के डॉक्टर ने उसकी हालत गंभीर बताई और उसे एक बड़े अस्पताल में ले जाने का निर्देश दिया.

मामले की जांच की जाएगी: सिविल सर्जन

इस पूरे मामले को लेकर सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल में आए किसी भी मरीज़ की बेड की कमी के कारण मौत होने की कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा हुआ है, तो यह एक गंभीर मामला है; अगर यह हमारे ध्यान में आता है, तो हम जांच करेंगे.

 

Published at:10 Oct 2025 11:34 AM (IST)
Tags:health systemRIIMSSADARsadar ranchiSadar Hospitalbedno beds were availableno beds were available for three dayspatient patient died Sadar Hospital gate
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