धनबाद(DHANBAD): कोयलांचल में विधानसभा चुनाव की आहट कुछ अधिक तेज दिख रही है. सभी अपने-अपने ढंग से सक्रिय हो गए है. चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग अपनी सक्रियता बढ़ा दिए है. झरिया विधानसभा फिलहाल केंद्र बना हुआ है. झरिया विधानसभा सीट को लेकर दो गोतनी में चुनावी लड़ाई है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर एक गोतनी चुनाव जीत गई, तो दूसरी गोतनी पराजित हो गई. अब 2024 का चुनाव भी सिर पर है. ऐसे में सक्रियता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है. सोमवार को कुजामा में ब्लास्टिंग के बाद हुए विवाद के तुरंत बाद झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह घटनास्थल पर पहुंची और गुस्से में दिखी. वह घंटो ग्रामीणों के साथ धरना पर बैठी रही. घायलों से अस्पताल में भी मिली. तो इधर घायल ग्रामीणों से मिलने भाजपा नेत्री रागिनी सिंह भी अस्पताल पहुंची. बुधवार को भी एक ही मामले में दो गोतनियो की सक्रियता दिखी. ऑटो चालक शशि कुमार भगत के अप्लास्टिक एनीमिया पीड़ित 10 वर्षीय बेटे के इलाज के लिए SNMMCH में भर्ती है.
बुधवार को झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह अस्पताल पहुंची. परिवार को सांत्वना दी. विधायक ने परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि परिजन को आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री सहायता योजना से भी लाभ दिलाने का प्रयास होगा. तो इसी मामले को लेकर भाजपा नेत्री रागनी सिंह डीसी से मिली. उन्हें ज्ञापन दिया. बीमार बच्चे को अनुदान राशि देने की मांग की. साथ ही विस्थापन के मुद्दे को भी रागिनी सिंह ने उठाया. वैसे, तो झरिया को राजनीति का गढ़ कहा जाता है. झरिया की राजनीति ने कई को जमीन से आसमान तक पहुंचा दिया. लेकिन झरिया की हालत आज भी नहीं सुधरी है 1977 के बाद से झरिया सीट पर कई बार सूर्य देव सिंह के परिवार का ही कब्जा रहा. यह अलग बात रही कि बीच में आबो देवी भी झरिया से विधायक बनी थी. 2019 में संजीव सिंह के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी रागिनी सिंह चुनाव लड़ी लेकिन गोतनी के हाथो चुनाव हार गई. पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस के टिके पर चुनाव लड़ी और जीती. संभावना बन रही है कि झरिया विधानसभा सीट पर इस बार भी दोनों गोतनी चुनावी रण में आमने-सामने रहेंगी. टेलर अभी से ही दिखाना शुरू हो गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो