दुमका (DUMKA) : झारखंड में साइबर क्राइम दायरा बढ़ता ही जा रहा है. लोग ऐसे दिन इसका शिकार हो रहे है. आज के समय में साइबर अपराध राष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर समस्या बन गया है. दिन प्रतिदिन इसकी जुड़े और मजबूत हो रही है. जामताड़ा से निकल कर साइबर अपराधी पूरे संथाल परगना प्रमंडल में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगा हुआ है. आज जहां भी साइबर अपराधी की गिरफ्तारी होती है उसकी जड़े जामताड़ा के करमाटांड़ से जरूर जुड़ी रहती है. ताजा मामला दुमका जिला का है. पुलिस ने हंसडीहा थाना क्षेत्र के धमना कुंडी गांव से 2 साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है.
डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन
दुमका पुलिस को सूचना मिली थी कि हंसडीहा थाना क्षेत्र के धमनाकुंडी गांव में एक साइबर गिरोह द्वारा साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है. सूचना मिलते ही मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने जब धमनाकुंडी स्थित सुमन कुमार मंडल के घर पर छापेमारी की तो वहां सुमन कुमार मंडल और मुरली कुमार मंडल को कई सारे अवैध मोबाइल सिम, मोबाइल तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ संदेहास्पद स्थिति में पकड़ा गया. पकड़े दोनों व्यक्तियों से डीएसपी मुख्यालय द्वारा पूछताछ करने पर दोनों ने साइबर अपराध करने की बात स्वीकार है.
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
इसके साथ ही अपने सहयोगी देवघर जिला के मधुपुर निवासी अमरूल अंसारी का भी नाम उजागर किया. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया. मुरली कुमार मंडल मूल रूप से जामताड़ा जिला के करमाटांड़ जबकि सुमन कुमार मंडल गोड्डा के पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के कठौन गांव का रहने वाला है. वर्तमान में दोनों धमनाकुंडी गांव में रहकर साइबर अपराध की घटना को अंजाम दे रहा था.
अपराधियों के पास से मिले कई कीमती सामान
दूसरों की कमाई दौलत पर कैसे ऐश किया जाता है यह देखना हो तो किसी भी साइबर अपराधी के रहन-सहन को देखा जा सकता है. धमनाकुंडी से जो दो साइबर अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसके पास से जो सामान बरामद हुआ है उसे देखकर किसी की भी आंखें चूंधीया जाएगी. अपराधी होने के बावजूद इनके शानो शौकत में कोई कमी नहीं है. पुलिस ने इनके पास से एक कार, एक बुलेट बाइक, तीन आईफोन सहित कुल 11 मोबाइल जिसमें 8 मोबाइल में सिम लगा हुआ, 11 अतिरिक्त मोबाइल सीम, एक कैनन कंपनी का कैमरा, एक टैब सहित डेबिट कार्ड बरामद किया गया. समाहरणालय स्थित एसपी सभा कक्ष में मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार ने प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी.
आज तक नहीं खुल पाया साइबर थाना
जिस अनुपात में साइबर अपराधी बढ़ रहें है. उस अनुपात में पुलिस का संसाधन नहीं बढ़ रहा है. उपराजधानी होने के बावजूद दुमका में आज तक साइबर थाना नहीं खुल पाया है. साइबर सेल है भी तो संसाधनों की कमी है. इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी ही साइबर अपराध का अनुसंधान कर सकते हैं. इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी पर पहले से ही सामान्य अपराध के केस का फ़ाइल पड़ा रहता है. इस स्थिति में साइबर अपराध के केस का अनुसंधान प्रभावित होता है. कानूनी दाव पेंच के बीच साइबर अपराध को रोकने के लिए कठोर कानून नहीं है. इसका फायदा साइबर अपराधी को मिलता है.