रांची(RANCHI): झारखंड सरकार ने नगरपालिका संशोधन विधेयक पारित करवाकर यह तय कर दिया है कि रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेगा. इसका पुरजोर विरोध शुरू हो गया है.
वैसे हेमंत सरकार ने पहले ही कैबिनेट निर्णय लेकर यह स्पष्ट कर दिया था कि रांची नगर निगम के मेयर का पद पहले की तरह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेगा. जबकि राज्य निर्वाचन आयोग के रोस्टर रिप्रेजेंटेशन के आधार पर यह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया था. इस विषय पर अनुसूचित जाति के लोग सरकार से बेहद मुखर हैं. दलित वर्ग के लोग यह कह रहे हैं कि हेमंत सरकार में दलितों की उपेक्षा हो रही है. पूरे मंत्रिपरिषद में एक भी अनुसूचित जाति का मंत्री नहीं है. मंत्री सत्यानंद भोक्ता अब अनुसूचित जनजाति समाज के प्रतिनिधि के रूप में देखे जा रहे हैं.
आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा
भाजपा के विधायक अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाया कि यह सरकार दलित विरोधी है. नगरपालिका संशोधन विधेयक पारित करवाकर उसने अपनी मंशा को स्पष्ट कर दिया है. बड़ी संख्या में दलित समाज के लोग यहां रहते हैं. उनके सपनों को चूर कर दिया है. अनुसूचित जाति के लोग इस सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे. आने वाले समय में बड़ा आंदोलन होगा.