गुमला(GUMLA):आज यानी शुक्रवार को गुमला के डीसी सुशांत गौरव ने सदर अस्पताल की व्यावस्था को बेहतर करने को लेकर तीन घंटे तक अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान एसडीओ रवि जैन के साथ ही सिविल सर्जन सहित कई चिकित्सक मौजूद रहे. डीसी कर्ण सत्यार्थी ने सदर अस्पताल के कई बदहाल व्यावस्था को लेकर कर्मियों को फटकार लगाई. अस्पताल में मौजूद मरीजों से अस्पताल की व्यवस्था का हाल जाना.
डीसी ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण
वहीं आपको बता दें कि सदर अस्पताल की व्यवस्था को लेकर जिला के अधिकांश प्रशासनिक पदाधिकारी काफी गंभीर है, बावजूद इसके जिला के सदर अस्पताल की व्यवस्था संसाधनों के अभाव में बेहतर तरीके से काम नही कर पा रही है. जिसकी वजह से आये दिन सदर अस्पताल में हंगामा होता है. जिसको देखते हुए देसी ने आज निरीक्षण करने का फैसला लिया. इस दौरान सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डो के साथ ही अन्य जांच कक्ष का ऑवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने जांच कार्य मे लगी एजेंसी को गंभीरता से काम करने का निर्देश दिया.
सिविल सर्जन समेत स्वास्थ्य कर्मियों को दिया कई निर्देश
वही सदर अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद डीसी कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि निश्चित रूप से अस्पताल में कुछ संसाधन की. कमी है जिसको बेहतर करने की कोशिश की जाएगी, साथ ही कई व्यवस्था को सही करने का भी अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिया गया है. डीसी ने कर्मियों को चिकित्सको को सेवा भाव से काम करने की सलाह दिया है. वही आगे डीसी ने कहा है कि अस्पताल में किसी प्रकार लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो भी लापरवाही करते हुए पकड़ा जाएगा उसे पर कार्रवाई की जाएगी.
अस्पताल में बेड की कमी से जूझ रहे हैं गुमलावासी
वही इस निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि अस्पताल का निरीक्षण करने के क्रम में डीसी साहब ने कई तरह का निर्देश दिया है, जिसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी. सदर अस्पताल में कमरों की कमी के साथ ही डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों की कमी है. जिसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वही स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अमित एक्का ने कहा कि सदर अस्पताल पर पूरा जिला आश्रित है,लेकिन बावजूद इसके व्यवस्था बहुत बेहतर नहीं है. सरकार जो सुविधा देती है उसका भी स्थानीय गरीबो को लाभ नहीं मिल पा रहा है.
जाने क्यों नए डीसी के आने से लोगों में जगी है आस
आपको बता दे कि गुमला जिला का सदर अस्पताल एक ऐसा अस्पताल है, जहां पूरे जिले के लोग अपनी स्वास्थ्य को लेकर निर्भर रहते है, लेकिन 12 लाख की आबादी वाले जिले के अस्पताल में अस्पताल में केवल एक सौ बेड की ही व्यवस्था है. जिसकी वजह से इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जो सुविधा सरकार ने दी है, उसका भी सही रूप से लाभ लोगो को नहीं मिल पा रहा है. पूर्व के दो डीसी शिशिर कुमार सिन्हा और सुशांत गौरव भी अस्पताल के भवन को एक्सटेंशन देने को लेकर गंभीरता दिखाई थी, लेकिन नही हो पाया था.
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की लोगों को उम्मीद
जिस तरह से जिला में पदभार ग्रहण करने के बाद डीसी कर्ण सत्यार्थी ने गंभीरता दिखाई है, उससे लोगो मे अस्पताल की व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद एक बार फिर से जगी है. खैर यह तो आने वाला समय बताएगा कि क्या सुधार होता है,लेकिन जिला के डीसी की सक्रियता लोगो के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.