धनबाद(DHANBAD): 2000 के नोट प्रचलन में आए भी और बंद भी हो गए .9 अक्टूबर 2023 के बाद रिजर्व बैंक के सिवा कोई दूसरा बैंक इसे बदल नहीं सकता है. एक आंकड़े के मुताबिक 358 लाख गुलाबी नोट अभी भी रिजर्व बैंक के पास नहीं पहुंचा है. रिजर्व बैंक के एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है. सवाल है कि आखिर 2000 के यह नोट रिजर्व बैंक के करंसी चेस्ट में पहुंचे क्यों नहीं .कहा जा सकता है कि इसमें बड़ा हिस्सा काला धन का हो सकता है. लोग अपने खातों में दर्शाने से बच रहे हैं. हो सकता है कि उनके दिमाग में काले धन को सफेद करने का कोई रास्ता चल रहा होगा.
9 अक्टूबर 23 के बाद से रिजर्व बैंक के सिवा कोई अन्य बैंक इसे बदल तो नहीं सकता है .यह अलग बात है कि रिजर्व बैंक की ब्रांचो में कम संख्या में ही सही, 2000 के नोट बदलवाने लोग पहुंच रहे हैं .पिछले 3 महीने के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 2 लाख नोट प्रति सप्ताह रिजर्व बैंक तक पहुंच रहे हैं. आमतौर पर चलन से बाहर होने के बाद कोई भी व्यक्ति या संस्था नोट तुरंत बदलने की कोशिश करते हैं. लेकिन 2000 के 358 लाख नोट 16 महीने में भी बाजार से न लौटने पर सवाल उठाना बहुत स्वाभाविक है. संभावना है कि यह नोट धन पशुओं की तिजोरी में बंद है .
नोटबंदी की घोषणा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर नियंत्रण का दावा किया था. 500 और 1000 के पुराने नोट प्रचलन से बाहर कर दिए गए थे. उसके बाद इसे बदलने की डेडलाइन तय हुई. उसे समय पूरे देश में अफरातफरी का माहौल रहा. उसके बाद 2000 के नोट निकले लेकिन इस नोट को भी प्रचलन से बाहर कर दिया गया . सवाल उठता है कि 358 लाख गुलाबी नोट अभी भी तिजोरियों में बंद कर क्यों रखे गए हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो