धनबाद(DHANBAD): लोग कह रहे हैं कि या तो सिस्टम बनाइये नहीं और अगर बनाइये तो उसे सही ढंग से चलाने की व्यवस्था होनी चाहिए. 4 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो रही है. अब चारों ओर भक्ति का माहौल दिखने लगेगा. नॉनवेज खाने वाले परहेज करने लगेंगे. जाहिर तौर पर मुर्गा, मीट की दुकानों पर भीड़ कम जाएगी. लोग सात्विक भोजन करेंगे, पूजा- पाठ पर विशेष जोर रहेगा. बाबा भोले के दर्शन के लिए कांवर लेकर लोग जाने की तैयारी करेंगे. वैसे तैयारी तो शुरू हो गई है. कोयलांचल की बात अगर करें तो यहां से भक्तों का जत्था बाबा धाम जाता है. उसके लिए स्पेशल बसों के भी इंतजाम किए जाते है. कोयलांचल में चारों ओर भक्ति का माहौल दिखने लगता है.
पोस्ट ऑफिस में नहीं मिल रहा गंगा जल
पूरे सावन महीना में शिवालयों में बाबा भोलेनाथ को जल अर्पण किया जाएगा. इस दौरान गंगाजल की मांग जरूरत से अधिक हो जाती है. हरिद्वार और ऋषिकेश से आने वाला गंगाजल धनबाद में महीनों से नहीं मिल रहा है. ऐसा महसूस होने लगा है कि गंगा जल भोलेनाथ को उपलब्ध नहीं होगा. गंगाजल खरीदने के लिए लोग डाकघर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें मिल नहीं रहा है. पहले पोस्ट ऑफिस में उपलब्ध कराया जा रहा था. 10O ML गंगाजल की बोतल की कीमत ₹10 और 250ml बोतल की कीमत ₹30 थी.
हर सावन बढ़ जाती है बिक्री
सावन महीने में इसकी बिक्री बढ़ जाती है. धनबाद के प्रधान डाकघर में पिछले साल के सावन महीने से पहले से ही गंगाजल नहीं आ रहा है. पिछले साल के पहले का 8000 बोतल गंगाजल स्टॉक में बचा हुआ था. उसी स्टॉक से काम चलाया गया. गंगाजल का स्टॉक खत्म होने के बाद रांची सर्किल से गंगाजल की मांग की गई है लेकिन अभी तक नहीं पहुंचा है. अमूमन उत्तरवाहिनी गंगा से जल लाकर भक्त स्थानीय शिवालयों में बाबा भोले का जलाभिषेक करते है. लेकिन जब डाकघरों में गंगा जल उपलब्ध होने लगा तो लोग गंगाजल मंगाने के बजाय खरीद कर ही जलाभिषेक करना उचित समझने लगे. लेकिन अब वह गंगा जल डाकघरों में उपलब्ध नहीं है. लगता है कि इस साल कोयलांचल के शिव भक्तों को निराशा ही हाथ लगेगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो