धनबाद(DHANBAD) : कोयलांचल में समस्याओं की लंबी फेहरिश्त है और इसी में पर्यावरण में प्रदूषण भी शामिल है. कोलियरी इलाकों में पीएम 10 यानी पर्टिकुलर मैटर की मात्रा हमेशा एक सौ से अधिक होती है. होनी चाहिए एक सौ माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर लेकिन कहीं-कहीं तो 365 दिन 200 के करीब होती है. प्रदूषण के प्रति यहां सजगता भी बहुत कम है. गुरुवार को धनबाद नगर निगम कार्यालय में प्रदूषण नापने की मशीन लगाई गई है. इस मशीन से प्रदूषण के स्तर का आंकड़ा प्रत्येक दिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाएगा. निगम ने डाटा भेजना शुरू कर दिया है.
क्या बताते है आकड़े
प्रथम दिन के आंकड़े के अनुसार शहर में प्रदूषण के लेवल में कमी आई है. निगम अपने 5 अंचलों में 8 करोड़ की लागत से पांच मशीनें बैठाने की योजना पर काम कर रहा है. अभी मुख्यालय परिसर में यह मशीन की टेस्टिंग गुरुवार को हुई है, अन्य जगहों पर भी लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दे कि कोयलांचल में कोयला खनन , ट्रांसपोर्टिंग तथा कोयला काटने में बारूद का उपयोग pm10 बढ़ने का बहुत बड़ा कारण है. pm10को पार्टिकुलर मैटर कहते हैं, इसका आकार 10 माइक्रोमीटर या उससे भी कम व्यास का होता है. pm10 का सामान्य लेबल एक सौ माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए लेकिन कोयलांचल के लगभग प्रायः हिस्से में यह सामान्य से दोगुना होता है. नतीजा है कि कोयलांचल की बड़ी आबादी बीमारी से जूझती है.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद