रांची(RANCHI): पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सार्वजनिक जीवन में अब राजनीतिक में उतर गई है.JMM के स्थापना दिवस कार्यक्रम में कल्पना ने JMM का झंडा अपने हाथों में खुले मंच से संभाल लिया.जैसे ही कल्पना सार्वजनिक मंच से भाजपा के खिलाफ हुंकार भरा,पूरे झारखंड में उनकी चर्चा होने लगी.सोशल मीडिया पर कई वीडियो और स्लोगन सामने दिखने लगे.अब साफ है कि हेमन्त सोरेन के गैर मौजूदगी में पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका में दिखेंगी.
कल्पना सोरेन सोमवार से सार्वजनिक रूप से राजनीतिक में कदम रख चुकी है. गिरिडीह के झंडा मैदान में कल्पना ने हुंकार भरा. इस दौरान कई बार कल्पना अपने आंसू को नहीं रोक पाई. यह पल सभी लोगों के लिए काफी भावुक था.मैदान में मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई.भीड़ से एक ही आवाज़ उठने लगी" जेल का फाटक टूटेगा हेमन्त सोरेन छूटेगा"लोगों का साथ मिलता देख कल्पना ने खुद को संभाला. लेकिन उनके रोने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है,और लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है.
कल्पना के राजनीतिक में आने से साफ है कि JMM का कद बढ़ेगा. जिस तरह से वह हेमन्त सोरेन को याद कर अपने भाषणों में उनके जेल जाने के पीछे भाजपा पर निशाना साध रही है.तो इससे कहीं ना कही भाजपा को थोड़ा झटका जरूर लग सकता है.एक महिला जब मंच पर रो रही है तो सहानभूति भी उनके साथ जरूर रहेगी.
कल्पना सोरेन ने हेमन्त सोरेन के।सोशल साइट पर एक पोस्ट भी साझा किया है."आज गिरिडीह की क्रांतिकारी भूमि से जन नायक हेमन्त जी की आवाज बनकर मैं आप सभी के बीच पहुंची।
केंद्र की भाजपा सरकार ने हेमन्त जी को जेल में नहीं डाला है, झारखण्ड के स्वाभिमान और आत्म-सम्मान को जेल में डाला है। और इसका करारा जवाब मिलेगा। आने वाले वक्त में इसका करारा जवाब दिया जायेगा।
मैं सोच कर आयी थी कि जैसा हेमन्त जी ने माननीय विधानसभा में कहा था कि "मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, आंसू वक्त के लिए रखूंगा। केंद्र की भाजपा सरकार के लिए आंसू का कोई मतलब नहीं है। आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक के आंसुओं का इनके सामने कोई मोल नहीं है।", मैं भी आंसू नहीं बहाऊंगी। मगर, आप सभी के अथाह स्नेह और आशीर्वाद के सामने मैं अपने आप को रोक न सकी।
न झारखण्ड झुका है, न झारखण्डी झुकेगा।
जय जोहार!🏹
जय झारखण्ड!
हेमन्त है तो हिम्मत है!
#झारखण्ड_झुकेगा_नहीं
~ कल्पना मुर्मू सोरेन"
कल्पना के कंधे पर एक बड़ी जिम्मेदारी है. लोकसभा चुनाव में एक चुनौती जरुर कल्पना के सामने है.लेकिन जब एक महिला कुछ ठान ले राह खुद ब खुद आसान होने लगती है. हालांकि यह आंसू कितना जनता के दिल में उतर पाता है. यह तो चुनाव में पड़े वोट से ही पता चलेगा.लेकिन राजनीतिक जानकार के मुताबिक JMM के लिए कल्पना का आना एक संजीवनी से कम नहीं है.