रांची(Ranchi): जीएसटी बकाया का मुद्दा सदन पहुंच गया है. सिंहभूम से नवनिर्वाचित झामुमो सांसद जोबा मांझी ने सदन में आज जीएसटी संग्रह से झारखंड का बकाया हिस्सा वापस करने की मांग की. लोकसभा में अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर झामुमो संसदीय दल की नेता के तौर पर बोलते हुए जोबा मांझी ने आदिवासियों के अस्तित्व और पहचान के लिए सरना धर्म कोड लागू करने और झारखंड राज्य के समग्र विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग की. इतना ही नहीं सांसद जोबा माझी ने अपने संबोधन में अर्थव्यवस्था, नीट पेपर लीक, 1975 की इमरजेंसी बनाम 2014-24 की इमरजेंसी समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की.
1975 की इमरजेंसी बनाम 2014-24 की इमरजेंसी पर केंद्र सरकार का विरोध
जोबा मांझी ने अर्थव्यवस्था, नीट पेपर लीक, 1975 की इमरजेंसी बनाम 2014-24 की इमरजेंसी समेत कई मुद्दों पर केंद्र सरकार का विरोध किया. जोबा मांझी ने कहा कि अभिभाषण में स्थिर और स्पष्ट बहुमत वाली सरकार की बात की गई है. तकनीकी तौर पर सदन में सरकार के पास बहुमत है, लेकिन जनता की नाराजगी साफ तौर पर जाहिर हो गई है.
सरकार को देश के मतदाताओं की भाषा समझनी चाहिए, उसके अनुसार अपनी नीतियों और व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए, देश और न्याय की बात करनी चाहिए, क्योंकि 18वीं लोकसभा चुनाव की भाषा से साफ है कि यह स्थिर और स्पष्ट बहुमत वाली सरकार नहीं है.
जोबा मांझी ने कहा कि यहां आय के स्रोत, गरीबी, बेरोजगारी, बीमारी, पलायन को देखते हुए लगता है कि अर्थव्यवस्था के समतामूलक और निष्पक्ष वितरण के लिए हमें अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार ने दस साल में चार करोड़ पीएम आवास दिए हैं. लेकिन झारखंड जैसे पिछड़े और आदिवासी बहुल राज्य में पीएम आवास योजना नहीं दी जा रही है. राज्य सरकार अबुआ आवास योजना चला रही है, जो राज्य की जरूरतों से काफी कम है.