धनबाद(DHANBAD): सोमवार को दिल्ली में कोयल स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में धनबाद का नाम बार-बार गूंजता रहा. बंगाल की चर्चा भी हुई. मुद्दा था कोयला चोरी का. कई सदस्यों ने बीसीसीएल, सीसीएल तथा बंगाल में ईसीएल में कोयला चोरी का मुद्दा उठाया. मंत्रालय ने भी मामले को गंभीर बताया. पूछने पर कोयला प्रबंधन की ओर से कहा गया कि अवैध खनन में मौत का ऑफिशियल आंकड़ा कंपनी के पास नहीं है. इस पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन ही सही जानकारी दे सकते हैं. सदस्यों ने यह भी कहा कि यह एक संगठित अपराध है और पूछने पर पुलिस अथवा अन्य एजेंसियां पल्ला झाड़ लेती है.
इन मामलों पर हुई चर्चा
सदस्यों के सवाल पर कोयला कंपनी की ओर से साल 2020 एवं 2021 में बीसीसीएल में 65 और सीसीएल में 81 f.i.r. की जानकारी दी गई .सीआईएसएफ की फायरिंग का मुद्दा भी उठा. कहा गया कि झारखंड और बंगाल में धड़ल्ले से कोयला चोरी और अवैध खनन हो रहा है. ड्रोन से सर्वे भी किया जा रहा है, लेकिन अवैध खनन नहीं रुक रहा है और इसे रोकने के उपाय कारगर नहीं ही रहे हैं. पता तो यह भी चलता है कि बाहरी मशीनों को लगाकर अवैध खनन किया जा रहा है. यहां से निकले कोयले को लोकल स्टील एवं इंडस्ट्रीज में बेचा जा रहा है. निरसा क्षेत्र का नाम प्रमुखता से उठा. आरोप लगा कि यहां के कोयला तस्करों को एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त है.
इस बैठक में कोयला मंत्री, कोयला सचिव भी मौजूद थे. देखना है कि कोयला चोरी रोकने के कौन-कौन से उपाय किए जाते हैं और यह कितने कारगर साबित होते है. आपको बता दें कि हाल के दिनों में कोयला चोरी का धनबाद एवं सटे बंगाल इलाके में इतिहास बन गया है .मशीनें लगाकर अवैध उत्खनन कराया जा रहा है. इस धंधे से आमदनी के कारण आपसी विवाद में हत्याएं तक हो रही है. कंपनियां योजना तो बनाती है लेकिन इन योजनाओं को जमीन पर उतारने में उतनी ही ढिलाई दिखाई जाती है. नतीजा होता है कि कोयला चोरी कभी थमती नहीं.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद