रांची (RANCHI) झारखंड हाईकोर्ट ने टेट पास पारा शिक्षकों के समायोजन से जुड़े मामले पर शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया है. हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पारा शिक्षकों की याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट के इस फैसले से पारा शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई पूरी होने के बाद पूर्व अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस पूरे मामले की सुनवाई की है.
पारा शिक्षक 15 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे हैं
प्रार्थी सुनील कुमार यादव और अन्य के द्वारा करीब 111 याचिकाएं पारा शिक्षकों के सहायक शिक्षक के रूप में वेतन और नियमितिकरण के मामले में हाईकोर्ट में दाखिल की गयी है. याचिका में कहा गया है कि पारा शिक्षक 15 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे हैं. वे शिक्षक पद की अहर्ता भी पूरी करते हैं. याचिका में मुख्य मांग यह की गई है कि राज्य सरकार उनकी सेवा को स्थाई कर सके और उन्हें सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित करे. अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाता है, यह देखने के लिए अभी इंतजार करना होगा.
जानिए क्या था मामला
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में पारा शिक्षकों ने 100 से अधिक याचिका दायर की गयी थी . उन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. बात दें याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं का कहना था कि उन्हें सहायक शिक्षक के समान ही वेतन दिया जाना चाहिए. उन्होंने अदालत से गुहार लगाई थी कि अदालत राज्य सरकार को निर्देश दे कि राज्य सरकार उनकी सेवा को नियमित करे. उन्हें सहायक शिक्षक के समान वेतन मिले क्योंकि वह लगभग 15 वर्षों से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं. वह इस वेतन के योग्य हैं. सभी अहर्ता को पूरा करते हैं. मालूम हो कि झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा वर्ष 2021 में गठित कमेटी की रिपोर्ट अदालत में पेश की गई. अदालत ने सभी पक्षों की दलील को सुनने के उपरांत अपने फैसले को सुरक्षित रखा है. इसी मामले में 16 दिसम्बर फैसला सुनाया जाएगा.
जानिए किसने दायर की थी याचिका
कोर्ट में यह याचिका सुनील कुमार यादव और अन्य समेत करीब 111 याचिकाएं पारा शिक्षकों के सहायक शिक्षक के रूप में वेतन और नियमितीकरण को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि पारा शिक्षक के पद पर वे 15 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे हैं. साथ ही वे शिक्षक पद की अहर्ता पूरी करते हैं. राज्य सरकार उनकी सेवा को स्थाई करे और उन्हें सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किया जाये. साथ ही समान कार्य के बदले समान वेतन उन्हें दिया जाये.
बता दें झारखंड हाई कोर्ट में टेट परीक्षा पास पारा शिक्षकों के समायोजन की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार 30 नवंबर को सुनवाई हुई थी. इस सुनवाई में सभी पक्षों की ओर से अपनी अपनी दलील पेश की गई. अदालत ने सबके दलील को सुनने के बाद आदेश को सुरक्षित रख लिया था. अब निर्णय की घड़ी आ गयी है जब कल 16 दिसम्बर को कोर्ट अपना आदेश सुनाएगा . सभी की नजरें अब अदालत पर ही टिकी हुई हैं.