टीएनपी डेस्क (TNP DESK):-स्वर्णरेखा परियोजना के खरकई डैम प्रोजेक्ट की 6 हजार करोड़ से अधिक खर्च किए गये. इसके बाद भी राज्य सरकार ने इसे बंद कर दिया गया . इस पर झारखंड हाईकोट ने राज्य सरकार से सवाल किया कि आखिर इसे क्यों बंद कर दिया गया.दरअसल, इसे लेकर संतोष कुमार सोनी ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिक दायर की थी है. शुक्रवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंदा सेन की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा, कि आखिर 6 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने के बावजूद डैम प्रोजेक्ट को क्यों बंद किया गया . इस मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी.
खरकई डैम प्रोजेक्ट
याचिकाकर्ता की ओर से वकील अजीत कुमार और श्रेष्ठ गौतम ने पैरवी की. साल 1978 में एकीकृत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. इसी के तहत खरकई डैम प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा था. लेकिन, 2020 में राज्य सरकार ने बिना कारण प्रोजेक्ट बंद करा दिया .प्रार्थी का कहना है कि सरकार ने इस इस प्रोजेक्ट के लिए 6 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर दी है औऱ मार्च 2020 में बिना कारण इसे रोक दिया गया. जबकि डैम के लिए जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है. इससे प्रभावित विस्थापितों को बसाने के लिए नई जगह भी चुनी गई है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए.