धनबाद(DHANBAD): सिंह मेंशन के "चाणक्य" रामधीर सिंह के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने ता उम्र की सजा बहाल रखी है. रामधीर सिंह लगभग साढ़े छह सालों से रांची के होटवार जेल में बंद है. उनकी बेल अपील पर सुनवाई करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने रामधीर सिंह के आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया. 25 अगस्त को ही दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह सजा काट रहे है. 15 जुलाई 1998 को कतरास के भगत सिंह चौक के पास मजदूर नेता सकलदेव सिंह के भाई विनोद सिंह और उनके चालक मन्नू अंसारी पर AK-47 का मुंह खोलकर मौत के घाट उतार दिया गया था. 18 अप्रैल 2015 को रामधीर सिंह की गैरमौजूदगी में धनबाद के सत्र न्यायालय ने विनोद सिंह और उनके चालक की हत्या में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
22 महीने फरार रहने के बाद किया था सरेंडर
22 महीने फरार रहने के बाद 20 फरवरी 2017 को रामधीर सिंह ने धनबाद कोर्ट में सरेंडर किया था. हो सकता है अब रामधीर सिंह हाई कोर्ट के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे. वैसे सकलदेव सिंह की भी हत्या कर दी गई थी. हाई कोर्ट के इस फैसले पर धनबाद से लेकर उत्तर प्रदेश के बलिया तक के लोगों की नज़रें टिकी हुई थी. रामधीर सिंह बलिया जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके है. रामधीर सिंह के पुत्र शशि सिंह धनबाद के "कोयला किंग" सुरेश सिंह हत्याकांड में अभी फरार चल रहे है. रामधीर सिंह के भतीजे और सूर्य देव सिंह के बेटे पूर्व विधायक संजीव सिंह फिलहाल अपने चचेरे भाई कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद है. 2017 में नीरज सिंह की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद से ही संजीव सिंह जेल में है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो