रांची(RANCHI): ईडी के द्वारा ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी के बाद प्रशासनिक महकमे में खलबली मची हुई है. जिन विभागों में वीरेंद्र राम पदस्थापित रह चुके हैं उन विभागों के सचिव या निदेशक स्तर के आईएएस अधिकारियों की बेचैनी देखने को मिल रही है. छापेमारी में अगर कुछ ऐसे दस्तावेज मिले जिनमें उन अधिकारियों के बारे में चर्चा होगी तो वे भी जांच के दायरे में आ सकते हैं.
जैसे ही यह खबर फैली कि ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के प्रतिष्ठान पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम छापेमारी कर रही है. सुबह-सुबह उनकी भी नींद उड़ गई. आज दिनभर प्रोजेक्ट भवन, नेपाल हाउस, एफएफपी बिल्डिंग में विभिन्न विभागों में पदस्थापित वरीय आईएएस अधिकारियों के बीच यह चर्चा होती रही. वैसे अधिकारी ज्यादा चिंतित दिखे जिनके सचिव रहते उनके विभाग में वीरेंद्र राम अलग-अलग पदों पर काम करते थे.
सूत्रों के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़े पूर्व और वर्तमान अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं. अपने अपने स्रोत से सभी लोग जानकारी इकट्ठा करने में लगे रहे. वीरेंद्र राम पर आय से अधिक संपत्ति और अकूत संपत्ति होने के कथित आरोप से झारखंड कि ब्यूरोक्रेसी के कुछ अधिकारी काफी चिंतित हो गए हैं. क्योंकि लोग बताते हैं कि वीरेंद्र राम सब कुछ मैनेज करते रहे हैं. जहां कहीं भी वे पदस्थापित रहे उनका जलवा बना रहा. राजनेताओं से भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इस छापेमारी के दौरान ईडी के द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी के तार वरीय अधिकारी और राजनेताओं से भी जुड़ सकते हैं.