☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

क्लास रूम के अभाव से जूझ रहा देवघर का सरकारी विद्यालय, यहां हजारों बच्चों की पढ़ाई के लिए है केवल आठ क्लास रूम 

क्लास रूम के अभाव से जूझ रहा देवघर का सरकारी विद्यालय, यहां हजारों बच्चों की पढ़ाई के लिए है केवल आठ क्लास रूम 

देवघर (DEOGHAR) : झारखंड सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए हर वो कदम उठाती है जिसकी जरूरत महसूस होती है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर सरकार की प्राथमिकता में रहती है और इसी के अनुरूप योजनायें बनाती है. लेकिन देवघर में एक ऐसा स्कूल है जहां विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार भवन नहीं रहने से ठंडा, गर्मी और बारिश जैसे मौसम में भी छात्र-छात्राओं को जमीन पर बैठ कर पढ़ना पड़ता है.

2000 छात्र-छात्राओं पर केवल 8 क्लास रूम 

देवघर के देवीपुर में मुख्य सड़क के पास स्थित प्लस टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय केंदुआ का हाल ऐसा है कि यहां नामांकित लगभग 2000 छात्र-छात्राओं के लिए महज 8 क्लास रूम हैं. स्कूल में पढ़ने वाले 1200 छात्र और 800 छात्रायें नामांकित है. इस स्कूल में भवन,साईकल पार्किंग का अभाव तो है ही वही पीटी टीचर के रहते हुए भी कोई शारीरिक  गतिविधि यहां नहीं होती. कारण प्ले ग्राउंड का अभाव. स्कूल में विद्यार्थी की संख्या बढ़ जाने पर उन्हें क्लास रूम से बाहर जमीन पर दरी बिछाकर पढ़ना पड़ता है. पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को गर्मी में गर्मी,ठंडा में ठंड और बरसात के मौसम में बारिश से परेशानी होती रहती है.

बच्चे बढ़ते रहे लेकिन नहीं हुआ क्लास रूम की संख्या में इज़ाफ़ा 

1956 में इस स्कूल की स्थापना प्राइमरी के रूप में की गई थी. रिजल्ट अच्छा होने के कारण धीरे धीरे स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ने लगी. 1971 में अपर प्राइमरी 2006 में माध्यमिक और 2012 में प्लस टू का दर्जा तो मिल गया लेकिन स्कूल में क्लास रूम की संख्या में कोई इज़ाफ़ा नहीं हुआ. विद्यार्थियों की अत्यधिक उपस्थिति से स्कूल का संचालन दो शिफ्ट में करना पड़ा. पहला शिफ्ट में 8 क्लास तक की पढ़ाई सुबह 7 से 11 बजे तक और नौंवी से प्लस टू तक की पढ़ाई दूसरे शिफ्ट साढ़े ग्यारह बजे से 4 बजे तक के लिए कक्षाएं संचालित की जाती है. ऐसा नहीं है कि यहां शिक्षकों की कमी है. 2000 विद्यार्थियों पर इस स्कूल दोनों शिफ्टों में सभी विषय के 31 टीचर है. क्लास रूम के अभाव में एक ही रूम में कई वर्ग का क्लास संचालित किया जाता है. स्कूल के प्रभारी प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद सिंह के अनुसार स्कूल में व्याप्त समस्या और छात्र छात्राओं को हो रही परेशानी से स्थानीय पदाधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी तक कितनी बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन किसी भी स्तर से स्कूल और विद्यार्थियों की समस्या का समाधान कब तक नहीं हो पाया है.

जमीन पर बैठ कर बच्चे कर रहे परीक्षा की तैयारी 

इस स्कूल में आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स तीनों संकाय की पढ़ाई होती है. किसी तरह छात्र छात्राएं पढ़ाई भी कर रहे हैं. कुछ ही दिनों बाद मैट्रिक और इंटर की परीक्षा होने वाली है. ऐसे में एक रूम में या फिर जमीन पर बैठ कर 9 से प्लस टू तक कि पढ़ाई करने से कितना लाभ विद्यार्थी उठा पाते हैं यह तो परीक्षा का परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा. शिक्षा पर पानी की तरह पैसा बहाने वाली सरकार और इनके अधीन कार्यरत अधिकारी की देवघर के इस स्कूल के साथ उदासीनता समझ से पड़े है. वो भी उस स्कूल में जहां नामांकित और स्कूल में उपस्थित होने वाले छात्रों की संख्या बहुत अच्छी है. सरकार कई स्कूल को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए cbse बोर्ड की पढ़ाई कराएगी और उस स्कूल का कायाकल्प करवा रही है. वहीं देवघर के इस स्कूल का कायाकल्प कब होगा यह देखने वाली बात होगी.

रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर

Published at:27 Jan 2023 02:19 PM (IST)
Tags:The government school of Deoghar is struggling with the lack of class roomdeoghar deoghar newsjharkhand latest newsthe news post
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.