धनबाद(DHANBAD): 2024 लोकसभा चुनाव की तिथि भले ही घोषित नहीं हुई है ,लेकिन माहौल बनने लगा है.चुनावी तैयारियां शुरू हो गई है. इस बार के चुनाव में हर दल सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश करेगा.भाजपा नेतृत्व ने राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित पहली सूची में नए चेहरों पर दाव लगाकर यह संदेश दे दिया है कि पार्टी बदलाव की ओर बढ़ रही है. 14 उम्मीदवारों की पहली सूची में 13 नए चेहरे हैं. केवल मौजूदा सांसद सुधांशु त्रिवेदी को फिर से मौका मिला है. जानकारी के अनुसार बिहार और उत्तराखंड में भी चेहरे बदल दिए गए हैं. घोषित नाम से यह भी अंदाजा मिलने लगा है कि पार्टी इस बार लोकसभा के मैदान में कुछ राज्यसभा के सांसदों को उतार सकती है. उन्हें दूसरा दायित्व भी दिया जा सकता है. बिहार के धर्मशिला गुप्ता, डॉक्टर भीम सिंह के नाम इस सूची में शामिल है. हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के जरिए जाट समुदाय को भी साधने की कोशिश की गई है .सबसे महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश के उम्मीदवार हैं. भाजपा को यहां पर कुल 7 सीटी मिलनी है. सेवानिवृत्ति सांसदों में से केवल एक सुधांशु त्रिवेदी को फिर से मौका दिया गया है. जबकि अन्य नए चेहरे हैं .
भाजपा नेतृत्व उम्मीदवारों के जरिए वोटरों के सामाजिक समीकरण को भी साधने की कोशिश कर रही है. हाल फिलहाल के दिनों में सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय लिए गए हैं. ऐसे में अभी किसी भी सांसद के कार्यालय में जाइए, तो यही सब चर्चा सुनने को मिल रही है. पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए जा रहे हैं. चुनाव लड़ने के नए उम्मीदवारों में थोड़ा उत्साह है लेकिन जो वर्तमान में सांसद हैं, उनकी सांसे अटकी हुई है. भाजपा किससे कहां कौन काम लेगी, यह तो कहना अभी मुश्किल है. वैसे भी प्रयोग के लिए भाजपा जानी जाती है.
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में 12 फिलहाल भाजपा के पास
झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में 12 फिलहाल भाजपा के पास है. ऐसे में क्या सभी सिटिंग एमपी को पार्टी चुनाव लड़ाएगी, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. उनकी धुकधुकी बढ़ी हुई है. क्षेत्र में सक्रियता तो वह बढ़ाए हुए हैं. लेकिन यह सक्रियता उत्साह में कितना अधिक है और विश्वास में कितना कम, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
बिहार को साधने के बाद झारखंड पर भाजपा नेतृत्व की विशेष नजर
वैसे भी बिहार को साधने के बाद झारखंड पर भाजपा नेतृत्व की विशेष नजर है. सब जानते हैं कि 2024 का चुनाव कुछ अलग होगा. भाजपा ने 400 पार का नारा उछाल दिया है. इस टारगेट को पूरा करने के लिए वह कई प्रयोग कर सकती है. इस प्रयोग में कुछ को लाभ होगा तो कई को दूसरी जिम्मेवारी मिल सकती है. झारखंड में कोडरमा सीट की बात की जाए तो यहां केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी फिलहाल सांसद हैं. खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सांसद हैं. जमशेदपुर में विद्युत वरण महतो सांसद चुने गए हैं. गिरिडीह में आजसू से चंद्र प्रकाश चौधरी सांसद हैं. हजारीबाग से जयंत सिन्हा 2019 में सांसद चुने गए हैं. गोड्डा लोकसभा सीट से निशिकांत दुबे सांसद हैं. रांची से संजय सेठ फिलहाल भाजपा के सांसद हैं. लोहरदगा से सुदर्शन भगत भाजपा के सांसद हैं. चतरा से सुनील सिंह सांसद हैं. दुमका से सुनील सोरेन फिलहाल सांसद हैं. पलामू से बीडी राम भाजपा के सांसद हैं. धनबाद से पशुपतिनाथ सिंह भाजपा के सांसद हैं. इसी प्रकार राजमहल से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विजय हांसदा सांसद हैं जबकि सिंहभूम से कांग्रेस की टिकट पर गीता कोड़ा सांसद चुनी गई है. लेकिन राज्यसभा चुनाव की पहली सूची में जिस तरफ बदलाव दिख रहा है, उसको लेकर भाजपा के वर्तमान सांसदों की सांस टिकट को लेकर अटकी हुई है. झारखंड में संभवत इस बार भाजपा और आजसू मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो दूसरी तरफ सामने महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे. महागठबंधन की उम्मीदवारों के लिए इस बार चुनौती कड़ी हो सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन फिलहाल जेल में है. ऐसे में चुनाव की कमान किसके पास रहेगा, इस पर भी बहुत कुछ निर्भर कर सकता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो