धनबाद(DHANBAD): हाजरा अस्पताल के संस्थापक डॉ श्री सीसी हाजरा कहा करते थे कि मरीज भगवान होते हैं, उनकी सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए.मरीजों का आशीर्वाद कभी व्यर्थ नहीं जाता. उनके गुजर जाने के बाद उनके परिवारजनों ने ने भी इस का निर्वहन करने की पूरी कोशिश की, लेकिन डॉ विकास हाजरा, उनकी पत्नी डॉ प्रेमा हाजरा सहित अन्य को क्या मालूम था कि मरीजों का आशीर्वाद भी उनके काम नहीं आएगा और उनकी अकाल मृत्यु हो जाएगी. शुक्रवार की देर रात को हाजरा अस्पताल के आवासीय परिसर में लगी आग में डॉ विकास हाजरा, उनकी पत्नी डॉ प्रेमा हजरा सहित पांच लोगों की मौत हो गई. मौत का कारण दम घुटना बताया गया है .शनिवार को 5 घंटे के भीतर डॉ विकास हाजरा और डॉक्टर प्रेमा हाजरा के शव का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराया गया. पहले तो सामान्य तौर पर पोस्टमार्टम हुआ लेकिन बाद में रांची से सूचना आने के बाद दोबारा पोस्टमार्टम किया गया. पांच सदस्य वाला मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया. यह पोस्टमार्टम दंडाधिकारी की मौजूदगी में हुआ. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई. रात 10 बजे के लगभग उनका शव परिजनों को सौंप दिया गया. शनिवार को हाजरा अस्पताल परिसर में फूलों की झड़ी लगी हुई थी. मुख्य गेट से लेकर सभी दरवाजों पर जगह-जगह झालर लगे हुए थे. घर सजे हुए थे. सरस्वती पूजा का विसर्जन अभी नहीं हुआ था. यह परिवार सरस्वती पूजा बहुत सालों से धूमधाम से करता आया है. इस साल भी धूम-धड़ाके के साथ पूजा हो रही थी. लेकिन शनिवार के दिन इन्ही तैयारियों के बीच जब लाशों को ले जाया जा रहा था तो अनायास लोगों की जुबान भगवान को कोस रही थी. जुवान पूछ रही थी कि क्या इसी दिन को देखने के लिए यह परिवार इतने धूमधाम से पूजा करता आया है कि पूजा की सजावट के बीच से परिवार के लोगों की लाशें गुजरे.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह
