धनबाद(DHANBAD): धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल SNMMCH में 19 मई से हड़ताल पर बैठे आउटसोर्स कर्मियों के भाग्य का फैसला अब धनबाद में नहीं ,बल्कि रांची में होगा. आजसू के जिला अध्यक्ष मंटू महतो और निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने इसी बात का संकेत दिया है. उन लोगों ने कहा है कि सिर्फ अब छंटनी की ही बात नहीं होगी बल्कि अस्पताल को जितने कर्मियों की संख्या की जरूरत है, उस पर अब बात होगी. सरकार को बाध्य किया जाएगा कि वह इस महत्वपूर्ण मसले पर निर्णय ले. पहले सचिव से मिलने की बात बताई गई, अगर बात बन जाती है तब तो ठीक है, नहीं बनती है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर उनके हस्तक्षेप की मांग की जाएगी.
19 मई से चल रही है हड़ताल
अस्पताल के आउट सोर्स कर्मी 19 मई से हड़ताल पर चल रहे है. यह हड़ताल इसलिए की गई है कि 130 कर्मियों को हटाने की सूची तैयार की गई थी. हड़ताल से अस्पताल प्रबंधन बैकफुट पर चला गया है और अभी तक हड़ताल करने वालों को छंटनी की नोटिस नहीं दी गई है. इधर, स्थानीय प्रबंधन भी पसो पेश में है कि वह करें भी तो क्या करे. इधर, आंदोलनकारियों सहित लोकल नेताओं का दबाव है तो उधर सरकार की गोपनीय चिट्ठी भी पहुंची हुई है. हड़ताल की वजह से अस्पताल की हालत तो यह है कि मरीज जिंदा है अथवा नहीं ,इसको भी बताने में आधा घंटा से लेकर 40 मिनट का समय लग रहा है. डॉक्टरों को खुद ईसीजी करना पड़ रहा है, इस वजह से मरीज जीवित है अथवा नहीं, यह बताने में भी विलंब हो रहा है.
मरीजों का नहीं हो रहा ऑपरेशन
अस्पताल में सर्जरी का काम बंद है, ओटी असिस्टेंट, एनेस्थीसिया असिस्टेंट सभी हड़ताल पर हहै. नतीजा है कि न सर्जरी की जा रही है और न ही सर्जरी के लिए तिथि तय की जा रही है. कई मरीज सर्जरी के इंतजार में है लेकिन हड़ताल की वजह से उनका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. इधर ,हड़तालियों के समर्थन में सभी दलों के नेता और कार्यकर्ता पहुंच रहे है. यहां तक कि कांग्रेस के नेता भी हड़ताल के तीसरे दिन पहुंचे थे और उन्होंने भी भरपूर आश्वासन दिया था. लेकिन उसके बाद कांग्रेसी नेता अस्पताल परिसर में नहीं दिख रहे है. हालांकि भाजपा के नेता लगातार समर्थन दे रहे है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, धनबाद के सांसद, विधायक समर्थन दे चुके है , लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो