दुमका (DUMKA): लगातार प्रयास के बाद आज बाल कल्याण समिति ने गोपीकांदर थाना में भटकता हुए 16 वर्षीय बालक के परिवार को खोज निकाला है. बता दें कि 30 सितंबर को गोपीकांदर पुलिस ने उसे बाल कल्याण को सौप दिया था. उस दौरान बालक कुछ भी बोलने में असमर्थ था. लेकिन काफी मशक्कत के बाद आज बाल कल्याण समिति ने बालक के परिजनों को खोज निकाला है.
साहिबगंज का रहने वाला है बालक
सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन डॉ अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बालक साहिबगंज जिले के मिर्जा चौकी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. गोपीकांदर पुलिस ने 30 सितंबर को उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था. तब से वह सीडब्ल्यूसी के देखरेख और संरक्षण में था. यह बालक गोपीकांदर के खरौनी बाजार में लावारिस हालत में पुलिस ने बरामद किया था. बालक कुछ भी बोल पाने में असमर्थ था. काफी पूछताछ एवं काउनसेलिंग के बाद भी जब बालक के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली थी. तो सीडब्ल्यूसी ने उसके सर्वोत्तम हित में उसका फोटो भी जारी किया, बावजूद इसके उसकी पहचान नहीं हो पा रहा था.
आधार कार्ड के जरिए बालक का हुआ पहचान
जिसके बाद समिति ने बालक का आधार कार्ड बनवाने का आदेश दिया ताकि उसका आधार यदि पहले से बना हुआ हो तो उसके परिवार के बारे में जानकारी मिल जाये. यूआईडी के लिए आवेदन देने पर डुप्लिकेट होने का मैसेज आया. तत्पश्चात एनआईसी के डीआईसी (यूआईडी) राकेश रंजन के सहयोग से एनआईसी राँची के द्वारा बालक का पता बताया गया. इसके आधार पर सीडब्ल्यूसी दुमका ने बालक के होम वेरिफिकेशन के लिए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साहेबगंज को पत्र लिखा. समिति को होम वेरीफिकेशन रिपोर्ट एवं एसआईआर प्राप्त होने पर मंगलवार को बाल गृह बालक अमड़ा के प्रभारी संजू कुमार के द्वारा बालक को उसके बड़े भाई के साथ समिति के समक्ष प्रस्तुत किया.
मानसिक रूप से बीमार था बालक
बालक के बड़े भाई ने बताया कि उसके पिता की मृत्यु 6 वर्ष पूर्व हो चुकी है, वह पांच भाई है. उसके सभी भाई और उसकी माता घर पर रहते हैं. वह ट्रैक्टर में मजदूरी करके घर परिवार का पालन पोषण करता है. बालक पहले भी दो बार घर से कहीं चला गया था. इसका इलाज भगैया से चल रहा है. बालक 10 वर्ष की उम्र से ही मानसिक रूप से बीमार तथा मिर्गी का दौर पड़ता है. जिसके कारण स्कूल में पढ़ाई भी नहीं कर सका है. बालक करीब 7 महीना पूर्व ही घर से निकला था. जो पिछले 2 महीने से सीडब्ल्यूसी के संरक्षण में था.
सीडब्ल्यूसी ने उसके परिवार और घर का सत्यापन होने के बाद समिति के समक्ष उपस्थित उसके बड़े भाई के आग्रह पर बालक को उसे सौंप दिया और बालक का आगे भी देखभाल और संरक्षण के लिए मामले को साहेबगंज सीडब्ल्यूसी को ट्रांसफर कर दिया.
रिपोर्ट. पंचम झा