धनबाद(DHANBAD): लोकसभा चुनाव के शोर में गिरिडीह के गांडेय विधानसभा की चर्चा कहीं गुम हो गई है. लेकिन झारखंड की वर्तमान राजनीति से इस विधानसभा सीट का सीधा संबंध और प्रगाढ़ हुआ है. इस सीट को लेकर आजसू और भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं बताया जाता है. भाजपा ने तो अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. लेकिन आजसू इससे संतुष्ट नहीं है.
सूत्र बताते हैं कि आजसू गांडेय विधानसभा से चुनाव लड़ने के मूड में है. यह अलग बात है कि बातचीत का सिलसिला चल रहा है और मामला सुलझ जाए. लेकिन लोकसभा चुनाव के शोर में यह विधानसभा की चर्चा कम हो रही है. जबकि भीतर ही भीतर राजनीतिक खिचड़ी भी खूब पक रही है. गांडेय विधानसभा क्षेत्र एनडीए और इंडिया ब्लॉक के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनने वाला है. बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम में 31 दिसंबर 2023 को इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीते सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा सबको चौकाया था. कहा जा रहा था कि हेमंत सोरेन गिरफ्तारी से पहले अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन विरोध के कारण यह योजना सफल नहीं हुई. तब उन्होंने चंपई सोरेन पर दाव लगाया और उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर सबको राजी कर लिया. उसके बाद से ही गांडेय विधानसभा क्षेत्र चर्चा में आ गया. लेकिन गांडेय विधानसभा क्षेत्र को लेकर आजसू और भाजपा गठबंधन में गांठ पड़ती दिख रही है.
गांडेय विधानसभा उपचुनाव पर पूरे देश की नजर
भाजपा ने गांडेय से दिलीप वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है. बावजूद आजसू चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. देखना है इस विवाद को भाजपा और आजसू के नेता किस ढंग से सुलझाते हैं . वैसे देशभर में भले ही लोकसभा का चुनाव हो रहा है ,लेकिन गांडेय विधानसभा उपचुनाव पर पूरे देश की नजर है. इस सीट पर इंडिया गठबंधन की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी के रूप में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन होगी. कल्पना सोरेन के लिए ही राज्यसभा सांसद बने सरफराज अहमद ने इस सीट को खाली किया था.
क्या भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे
आजसू के अर्जुन बैठा गांडेय से चुनाव लड़ना चाहते हैं. अर्जुन बैठा 2019 में भी आजसू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन सफलता नहीं मिली थी. वैसे कहा जाता है कि झारखंड बनने के बाद गांडेय विधानसभा चुनाव में एक बार ही एनडीए को सफलता मिली है. 2014 के चुनाव में एनडीए प्रत्याशी के रूप में जयप्रकाश वर्मा यहां से जीते थे. 2019 में गठबंधन टूटने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर सरफराज अहमद ने जीत दर्ज की. सरफराज अहमद उसके पहले कांग्रेस में थे. फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए और गांडेय विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत मिली. देखना होगा कि भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं या फिर उठा विवाद खत्म हो जाता है. झारखंड में हो रहे लोकसभा चुनाव में आजसू और भाजपा का गठबंधन है. राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा 13 और आजसू एक सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. गिरिडीह सीट आजसू के खाते में आई है. यह अलग बात है कि गिरिडीह लोकसभा सीट के लिए भाजपा के लोग आजसू के लिए वोट मांग रहे हैं. लेकिन गांडेय विधानसभा को लेकर रार चल रहा है.
गांडेय विधानसभा सीट पर 2005 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सालखन सोरेन चुनाव जीते थे. 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सरफराज अहमद चुनाव जीते थे. 2014 में भाजपा के जयप्रकाश वर्मा विजय रहे थे. तो 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर सरफराज अहमद फिर चुनाव जीते. 2019 के चुनाव में आजसू और भाजपा का गठबंधन टूट गया था. इस कारण भाजपा को नुकसान भी हुआ था.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो