टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-लड़की घर की लक्ष्मी होती है, इसे देवी और शक्ति का स्वरुप बोला जाता है. वेद शास्त्रों और पुरानों में इसकी महिमा का कईयों बखान है. लेकिन, आज भी समाज में कहीं न कही बेटियों की बेइज्जती, यतानाएं और जख्म देने का सिलसिला जारी है. ससुराल में वह कभी दहेज के लिए बली बेदी पर चढ़ा दी जाती है, तो कभी झूठे लांछन लगाकर उनकी जिंदगी को नरक बना दिया जाता है. लेकिन एक बेटी ही इस संसार में मां, बहन, बहु, पत्नी का किरदार निभाकर घर-संसार चलाती है. सरकार की बेटी-बचाओं बेटी पढ़ाओं के नारे तो आसमान में गूंजते हैं. इसका जमीनी असर भी हो रहा है, इसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता. लेकिन, कई ऐसी घटनाएं फिंजा में तैर जाती है. जो बताती है कि आज भी समाज लड़कियों को लेकर उतना संजीदा नहीं है. बल्कि घर की चारदिवारी में रहने की चिज है...
ससुराल छोड़ दी साक्षी
राजधानी रांची के कैलाश नगर के कुम्हार टोली की रहने वाले प्रेम गुप्ता ने अपनी बेटी साक्षी की शादी बड़े धूमधाम से पिछले साल इंजीनियर सचिन कुमार से 28 अप्रेल 2022को की थी. लेकिन, ये सात जन्मों का बंधन महज एक साल के बाद ही टूट जाएगा, ये अहसास तो कतई नहीं था. दरअसल, बजरा के सर्वेश्वरी नगर निवासी सचिन कुमार झारखंड बिजली वितरण निगम में पोस्टेड है. लेकिन, आरोप है कि उसने दो-दो शादियां पहले से ही कर रखी थी. वे अपनी पत्नी साक्षी को साथ नहीं रखता था. इसके चलते साक्षी अपने मायके में रहने को विवश थी.
जब चला फरेब का पता
इसी साल अप्रेल में जब साक्षी अपने ससुराल शादी की पहली सालगिराह मनाने गई तो, सचिन के लेपटॉप से मालूम पड़ा की उसने पहले से ही दो-दो शादियां कर रखी थी. हालांकि, इस धोखाधड़ी के उजागर होने के बाद, उसने उन दो युवतियों से भी बात की, तो उसने भी सचिन के फेरब की कहानी सुनाई. इतना सबकुछ होने के बावजूद भी साक्षी ने सहा और हिम्मत नहीं हारी. उसने ससुराल में रहने की ठानी. सोचा की सबकुछ साजगार आगे हो जाएगा. लेकिन, इस दरम्यान उसके हालात उसके हाथ में नहीं आए और लगातार रिश्तों में तकरार औऱ खटास पैदा होती रही. आखिरकार जब सर से पानी कुछ ज्यादा गुजर गया, जब उसे लगा कि रिश्तों में आई खरोंच अब जख्म बन गई है, तो फिर उसने अलग होने का फैसला किया. उसने अपने पिता को सारी बाते बताई और उस फरेब का भी पर्दाफाश किया, जो उसके पति सचिन ने उसके साथ करते आ रहा था.
साक्षी को मिला पिता का साथ
जिंदगी के इस तल्ख इम्तहान मे पिता प्रेम गुप्ता ने अपनी बेटी साझी का साथ निभाया औऱ उसे नरक भरी जिंदगी से आजादी दिलाने की सोची . आखिरकर उसने वो कदम उठाया , जो समाज के लिए एक नजीर औऱ नसीहत रही. 15 अक्टूबर को उसने बैंड-बाजे के साथ साक्षी के ससुराल पहुंचे और उसे खुशी-खुशी अपने घर ले आए. एक पिता के तौर पर प्रेम गुप्ता ने समाज को ये संदेश दिया कि अगर बेटियां ससुराल में शोषण का शिकार हो रही हों, तो जबरन ससुराल में न धकेला जाए, वो अनमोल होती है. फिलहाल, बताया जा रहा है कि कोर्ट में तलाक के लिए केस फाइल किया जा चुका है.
शादी तो दो आत्माओं को मिलन होता है, आपसी भरोसे के साथ जिंदगी की गाड़ी चलती है. लेकिन, जब रिश्तों की बुनियाद ही झूठ के खंभों पर पर टिक जाए, तो फिर आगे जिंदगी जीना ही बेमानी हो जाती है.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह