गुमला (GUMLA): आज केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार हो या राज्य की हेमंत सोरेन की सरकार विकास को लेकर लंबे चौड़े दावे करने में लगे हुए है. वहीं केंद्र की सरकार गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुचाने का दावा करती है. सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार खुद को गरीबों का सबसे अधिक विकास करने वाली सरकार होने का दावा करती है. लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही है. बात गुमला जिला की कर रहे है जहां 10 लाख से अधिक की आबादी रहती है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उसी आदिवासी बहुल गुमला जिला मुख्यालय की बाजार हाट की स्थिति पूरी तरह से नरकीय बनी हुई है. यहां एक ओर शेड पूरी तरह से बदहाल बना हुआ है तो दूसरी ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार गंदगी को लेकर नगर परिषद और प्रशासन को बोला गया है. लेकिन इस ओऱ किसी भी अधिकारी द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण यह हो गया है कि हाट पूरी तरह से बदहाल स्थिति में तब्दील हो गया है.
बन रही है महामारी की स्थिति
वहीं बाजार लगाकर जीविका चलाने वाले दुकानदारों औऱ स्थानीय लोगों का कहना है कि बाजार में जिस तरह से गंदगी फैली है. उससे साफ तौर पर महामारी होने की संभावना बन रही है. लेकिन इसके बावजूद भी किसी का ध्यान इस ओऱ नहीं जा रहा है. लोगों का कहना है कि अगर कुछ देरी के लिए वर्षा हो जाए तो तीन फीट तक पानी जम जाता है. वहीं इसी रास्ते से कई मुहल्ले के लोग आना जाना करते हैं बारिश के दिन उन्हें भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों ने कहा कि सरकार केवल यहां से पैसा लेती है. लेकिन इसके विकास के लिए कुछ काम नहीं करती है.
साफ-सफाई को लेकर काफी गंभीर है नगर परिषद
वहीं जिला नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से जब इस मामले पर बात किया गया. तो उन्होंने बताया कि साफ सफाई को लेकर उनकी टीम काफी गंभीरता से कम कर रही .है जहां भी सूचना मिलती है तत्काल सफाई कर्मचारियों को भेज कर साफ सफाई करवाई जाती है. उन्होंने कहा कि बाजार समिति को लेकर भी कई बार सूचनाएं मिली है. जिसके बाद वहां साफ सफाई करवाया गया है और नियमित रूप से वहां साफ सफाई बेहतर तरीके से करवाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि जब नगर परिषद की टीम साफ-सफाई को लेकर काफी गंभीर है. तो इसके बावजूद भी गुमला जिला मुख्यालय की बाजार हाट की स्थिति इतनी बदहाल क्यों है.
रिपोर्ट. सुशील सिंह