रांची(RANCHI): मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने सभी उपायुक्तों को पत्र लिखकर नई शिक्षा नीति और बाल शिक्षा अधिकार कानून के संबंध में निर्धारित प्रावधान को लागू करने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि 5 से 18 साल उम्र वर्ग के बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल की शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इसके तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए.
इस अभियान का मकसद स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे या फिर स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों को एक बार फिर से स्कूल लाना है. शिक्षा के अधिकार के संवैधानिक प्रावधान के तहत ऐसा प्रयास होना चाहिए कि झारखंड में कोई भी बच्चा इस उम्र वर्ग का शिक्षा पाने से वंचित ना रहे. उपायुक्तों को मुख्य सचिव ने कहा है कि किसी भी बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है. इसलिए हर परिस्थिति में उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए. किसी भी कारण से स्कूल नहीं जा रहे बच्चों को स्कूल में एक बार फिर से नामांकित करना है. किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों को इसकी सुविधा देनी है.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने पत्र में लिखा है कि सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित ना रहे. इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजना का अच्छादन बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के वास्ते किया जाना चाहिए. मुख्य सचिव ने कहा है कि विभिन्न संस्थाओं के सहभागिता इस काम में होनी चाहिए. जनप्रतिनिधि से लेकर सरकारी संस्थाओं के सभी संबंधित प्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में समीक्षा की जानी चाहिए. यह अभियान 15 जून से 15 जुलाई तक लागू है. मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि बच्चों को स्कूल तक लाने और उन्हें नियमित रूप से पठन-पाठन के लिए प्रेरित करने के वास्ते सभी आवश्यक आधारभूत संरचना और सुविधा की व्यवस्था स्कूलों में होनी चाहिए.