धनबाद(DHANBAD): केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के समय के कानून को बदलने के लिए लोकसभा में विधेयक पेश किया है. गृह मंत्री अमित शाह ने यह विधेयक पेश किया है. अगर यह विधेयक कानून का रूप लेता है, तो धनबाद कोयलांचल के कम से कम दर्जन भर कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कानून का शिकंजा कस सकता है. अगर यह कानून में तब्दील हो गया तो भगोड़े की अनुपस्थिति में न्यायालय में ट्रायल चल सकता है. धनबाद में कई ऐसे मामले हैं, जिनमें गिरफ्तारी नहीं होने के कारण न तो ट्रायल हो रहा है और ना चार्जशीट सबमिट हो पा रही है. ऐसे मामलों में गैंगस्टर प्रिंस खान, उसका भाई गोपी खान, सिंह मेंशन के शशि सिंह,वासेपुर के साबिर आलम, रामबाबू धिक्कार के नाम शामिल हैं.
कोयला किंग सुरेश सिंह हत्याकांड का आरोपी भी फरार
कोयला किंग सुरेश सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह के बेटा शशि सिंह फरार चल रहा है. 7 दिसंबर 2011 को धनबाद के प्रतिष्ठित धनबाद क्लब में सैकड़ो आंखों के सामने कोयला किंग रहे सुरेश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोप शशि सिंह पर लगा था. उसके बाद से ही शशि सिंह फरार चल रहा है. वह पुलिस से भागे-भागे फिर रहा है और कहीं अलग अपना ठिकाना बना लिया है. उसकी गिरफ्तारी नहीं होने से केस का ट्रायल भी नहीं शुरू हो पा रहा है.
अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं गैंगस्टर
इसी तरह अगर प्रिंस खान की बात करें तो 24 नवंबर 2021 को नन्हें हत्याकांड के बाद से ही प्रिंस खान फरार चल रहा है. धनबाद के इतिहास में पहली बार नन्हें हत्याकांड के बाद उसने वीडियो जारी कर घटना की जिम्मेवारी ली थी. उसके बाद धनबाद छोड़ दिया. बाहर रहते हुए भी वह धनबाद में अपराध की घटनाओं को अंजाम अपने गुर्गों के माध्यम से दिलवा रहा है. हत्या करवा रहा है. प्रिंस खान की खोज के लिए इंटरपोल तक की मदद ली जा रही है. इसी तरह आजीवन कारावास की सजा काट रहे फहीम खान का धुर विरोधी साबिर आलम सजायाफ्ता होने के बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.
इधर, झरिया के रामबाबू धिक्कार को भी पुलिस खोज रही है. लेकिन वह भी कहीं अलग ठिकाना बनाकर पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहा है. झरिया के निरंजन तांती और धनंजय यादव हत्याकांड में उसका नाम है. धनंजय यादव हत्याकांड में उसकी गिरफ्तारी के लिए दो दिन पहले झरिया में सड़क जाम कर पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी. इनके अलावा भी कई ऐसे आरोपी हैं, जो पुलिस की नजरों से बचते हुए अपना अलग ठिकाना बनाए हुए हैं. अगर यह कानून बन गया तो ऐसे अपराधियों पर नकेल कस जाएगी.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो