धनबाद(DHANBAD): अंग्रेजों के जमाने का स्टीम इंजन चालित रोड रोलर धनबाद का धरोहर बन गया है. 1932 के आसपास तत्कालीन धनबाद नगर पालिका ने यह रोड रोलर की खरीद की थी. यह रोड रोलर नगरपालिका के बैंक मोड़ कार्यालय में पड़ा हुआ था. वहां से उसे उठाकर बेकार बांध लाया गया और बेकार बांध के चंद्रशेखर सिंह चौक पर स्थापित कर धरोहर बना दिया गया.
रोलर का दिया गया है इतिहास
वहीं, आज झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर जनता के लिए इस धरोहर को खोल दिया गया है. 90 साल पुराने इस रोड रोलर की रंगाई पुताई कर इसे नया लुक दिया गया है. रोड रोलर के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी गई है. लिखा गया है कि स्टीम पावर रोड रोलर का निर्माण मार्शल संस एंड कंपनी, इंग्लैंड ने किया था. इसकी क्षमता लगभग 10 एचपी की है. अंतिम बार धनबाद नगर पालिका ने 1990 में सड़क निर्माण के लिए उपयोग किया था.
रोलर का वजन करीब 30 टन
वहीं, इसका वजन लगभग 30 टन है. 1920 में धनबाद नगरपालिका का पहला चुनाव हुआ था और एलसी रूबी पहले चेयरमैन बने थे. उन्हीं के नाम पर शहर की मुख्य सड़क का नाम लुबी सर्कुलर रोड पड़ा. धनबाद नगर निगम में इस रोड रोलर को सेल्फी प्वाइंट के रूप में भी विकसित किया है. बता दें कि शहर के लोग अब यहां सेल्फी लेकर उसे अपने दोस्त को भेजकर यह बता सकेंगे कि अंग्रेजों के जमाने का स्टीम चालित इंजन वाला रोलर हमारे धनबाद में हेरिटेज के रूप में रखा गया है.
धनबाद का पहला मार्केट है राजेंद्र नगर
इसके पहले भी नगर निगम ने धनबाद के बैंक मोड़ स्थित राजेंद्र मार्केट को हेरिटेज के रूप में चिन्हित किया है. यह राजेंद्र मार्केट धनबाद का पहला मार्केट है, जहां सुई से लेकर कीमती सामान तब भी उपलब्ध थे और आज भी हैं. कई पार्टनरों ने मिलकर यहां मार्केट तैयार किया था. मार्केट बनने के पहले बैंक मोड़ का यह इलाका जंगल झाड़ में तब्दील था.
रिपोर्ट: शांभवी सिंह, धनबाद