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घायल को पेड़ के नीचे बैठा कर भागा ऑटो ड्राइवर, इलाज के अभाव में तोड़ा दम, जानिए पूरी खबर  

घायल को पेड़ के नीचे बैठा कर भागा ऑटो ड्राइवर, इलाज के अभाव में तोड़ा दम, जानिए पूरी खबर  

दुमका(DUMKA): दुमका जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के विजयपुर के समीप कल शाम एक घटना घटी. बाइक चालक हरिप लाल हेम्ब्रम को एक अन्य बाइक चालक ने टक्कर मार दी. घटना के बाद टक्कर मारने वाला बाइक चालक घटना स्थल से फरार हो गया. जबकि हरिप लाल हेम्ब्रम घायल हो गए. स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना मुफस्सिल थाना को दी. पुलिस के पहुंचने के पूर्व ही घायल हरिप को स्थानीय लोग ऑटो में बैठाकर इलाज के लिए फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया. पुलिस घटना स्थल से दुर्घटनाग्रस्त बाइक जप्त कर वापस लौट गई.

अस्पताल से महज 100 मीटर दूर पड़ा था हरीप का शव

इधर ऑटो चालक ने घायल हरिप को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रवेश द्वार से महज एक सौ मीटर दूर सड़क किनारे एक पेड़ के नीचे छोड़ कर फरार हो गया. सूचना घायल के परिजन को दी गयी. परिजन और पुलिस फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुचे. हॉस्पिटल का कोना कोना छान मारा लेकिन घायल हरिप नहीं मिला. रात्री 9 बजे परिजन जब निराश होकर हॉस्पिटल से लौट रहे थे तो उनकी नजर पेड़ के नीचे बेसुध पड़े हरिप पर पड़ी. परिजन हरिप को लेकर हॉस्पिटल पहुचे. डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. हरिप नगर थाना के कड़हलबिल का रहने वाला था. इस तरह इलाज के अभाव में हरिप ने दम तोड़ दिया. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

क्या कठोर कानून बन रहा इस तरह की घटनाओं की वजह !

हरिप की मौत का जिम्मेदार किसे कहा जाए. मरने वाला तो मर कर चला गया. अगर समय पर उसकी इलाज शुरू होती तो हो सकता था हरिप आज जिंदा होता. हरिप कि मौत की घटना ने एक सवाल जरूर खड़े किया है. शुरू से ही सड़क पर घायल पड़े लोगों को हॉस्पिटल पहुंचाने से लोग कतराते हैं. वजह पुलिसिया पूछताछ को माना जाता था. न्यायालय ने भी उस बात को समझा और उसके बाद कानून बनाया गया कि मदद पहुंचाने वाले व्यक्ति से पुलिस पूछताछ नहीं करेगी, और अगर अनुसंधान के दौरान पूछ ताछ जरूरी हो तो उसके भी नियम बनाए गए. साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि गोल्डन ऑवर में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंचाने वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इसके बाबजूद ऑटो चालक द्वारा घायल हरिप को हॉस्पिटल के बाहर पेड़ के नीचे क्यों छोड़ दिया गया? हो सकता है कि रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया हो? इसके बाबजूद ऑटो चालक को भयभीत नहीं होनी चाहिए थी? कहीं ना कहीं उसके अंदर पुलिसिया पूछताछ का ख़ौफ़ रहा हो? जरूरत है नियम कानून के प्रचार प्रसार की. लोगों को जागरूक बनाने की. तभी नियम का लाभ जरूरतमंदों को मिल सकता है.

 

Published at:31 Dec 2022 10:36 AM (IST)
Tags:THE NEWS POST PHULO JHANI MEDICALAUTO DRIVERJHARKHND NEWS DUMKA NRWS
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