टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-गोड्डा जिले का सुन्दर पहाड़ी प्रखंड जो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र है. जहां सिंदरी पंचायत में इन दिनों रहस्यमयी बीमारी को लेकर चर्चा का केन्द्र में है, एक हफ्ते में छह बच्चों की मौत से तो पूरा राज्य में एक बड़ी खबर के तौर पर सामने आयी. खासकर सीएम के इलाका होने की खबर के चलते कुछ ज्यादा ही बात दूर तक फैली. आग की तरह बात पहुंचने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भी तेजी से हरकत में आया.
अभी भी विकास का इंतजार
गोड्डा जिले का सुंदरपहाड़ी में विकास का सूरज कब उदय होगा, ये आज तक सवाल बना हुआ है. आजादी के 75 साल से ज्यादा गुजर गये और झारखंड के वजूद में आये भी 22 वर्ष बीत गया. लेकिन, इलाके की न तस्वीर बदली औऱ न ही यहां के बाशिंदों की तकदीर ही संवरी. आज भी कुछ नहीं बदला. प्रकृतिक खूबसूरती को समेटे सुंदरपहाड़ी प्रखंड आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. यहां की अधिकांश आबादी संताल और पहाड़िया जनजाति की है. हैरानगी तो तब होती है कि आजज तक जितने में जनप्रतिनिधि विधानसभा में गये, सभी आदिवासी समाज के हैं. लेकिन, किसी ने इलाके की तरक्की के लिए कोई काम नहीं किया.
सड़के नहीं बन पाई
इस इलाके के अधिकांश ग्रामीण पहाड़ी क्षेत्रों में सड़के तक नही बन पायी है. जिसके चलते आदिवासी पहाड़िया ग्रामीणों को तमाम तरह की मुसिबते उनके जिंदगी की राह में आती है. सड़क नहीं रहने से विकास की योजनाएं नहीं पहुंच पाती है. सिंदरी पंचायत में अज्ञात बीमारी से 6 बच्चों की मौत पिछले एक हफ्ते में हो गई. जिला प्रशासन को इसकी खबर मीडिया के जरिए लगी. अखबरों की सुर्खियों के बाद ही स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ उपायुक्त जीशान कमर भी दल बल के साथ इस पंचायत में पहुंचे. जिला प्रशासन के हरकत में आने के बाद अभी तक 1500 से ऊपर लोगों की जांच की जा चुकी है, इस दौरान 50 से अधिक लोगों में मलेरिया के लक्षण पाए गए .जिनमे से कईयों में प्रारंभिक थे तो कुछ में गंभीर. जो गंभीर मरीज मिले उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुन्दर पहाड़ी और सदर अस्पताल गोड्डा इलाज के लिए भेजा गया .
दुर्गम इलाके में एंबुलेंस जाना मुश्किल
इस प्रखंड में कई ऐसे पहाडी इलाके हैं, जहां स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस पहुंचना मुश्किल है, क्योंकि सड़के नहीं है. इस भारी दिक्कत के चलते मरीजों को पहाड़े से नीचे खाट के जरिए लाया जा रहा है और एंबुलेंस तक पहुंचाया जा रहा है. तब जाकर मरीज अस्पताल में भर्ती होकर इलाजा कर रहा है. गंभीर रुप से बीमार इंसान के लिए तो काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
जिले के डीसी कर रहे निगरानी
उपायुक्त जीशान कमर ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक गांव में सभी ग्रामीणों की जांच की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैंप कर रही है .घर-घर में DDT का छिडकाव करवाया जा रहा है और दवाइयों के साथ मेडिकेटेड मच्छरदानी भी दी जा रही है. मलेरिया से जागरुक करने का भी काम किया जा रहा है.
गोड्डा से अजीत के साथ दुमका से पंचम झा की