चतरा (CHATRA) : चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के कई गांवों में देर रात एक दर्जन हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों का झुंड अचानक घरों में तोड़फोड़ करने लगा, तभी ग्रामीणों की नींद खुली और जान बचाते हुए बाहर भागे. इस दौरान हाथियों ने घरों में तोड़फोड़ की और फसलों को भी नुकसान पहुंचाया. इसके साथ ही मकान में रखे अनाज को तहस-नहस कर बर्बाद कर दिया.
हाथियों का आतंक जारी
जानकारी के अमुसार पिछले बीस दिनों से ईलाके में हाथियों का आतंक जारी है. जंगली हाथी वन्य क्षेत्र में बसे लोगों के घर लगातार तोड़ रहे है और फसलों को बर्बाद कर रहे है. हाथियों ने मुनेश्वर साव और बुटन उरांव का खपरेल घर क्षतिग्रस्त कर दिया. जबकि उनके खेत में लगा गाजर, टमाटर और आलू की फसलों को बर्बाद कर दिया है. इसके अलावा हाथियों ने शिबू साव के खेतों में लगी फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि जंगली हाथी लगातार किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है. इसके बावजूद वन विभाग उनको नियंत्रित नहीं कर रही है.
ग्रामीणों को मुआवजा
मामले को लेकर जब विभाग के अधिकारी से सवाल पूछे गए तो सिमरिया में रेंजर के पद पर कर कर रहे सूर्यभूषण कुमार ने बताया की इस क्षेत्र में हाथियों के आने जाने के लिए कॉरिडोर बनाया गया हैं. ताकि हाथी पलायन भी करे और किसी को नुकसान भी नई पहुंचे. लेकिन अक्सर इस कॉरिडोर के साथ छेड़छाड़ की जाती है. फिर चाहे वो ग्रामीणों द्वारा हो या भी अवैध खनन करने वालों के तरफ से. यहीं के कारण है कि हाथी इधर उधर भटकने पर मजबूर हो जाते हैं और लोगों को जान माल का नुकसान पहुंचता है. हालांकि जितने भी ग्रामीण को नुकसान पहुंचा है उनको विभाग की तरफ से मुआवजा मुहैया करा दिया जायेगा.
रिपोर्ट : संतोष सिंह, चतरा
