टीएनपी डेस्क(TNP DESK): टेंडर घोटाले में मामले में सुप्रीम कोर्ट से मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को बड़ी राहत मिली है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुद्रेश की खंठपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही ईडी से जवाब की मांग की है, मामले की अगली सुनवाई मार्च में होगी.
ED को हस्तक्षेप करना पड़ा भारी
दरअसल इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर कर हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. ईडी के रुख के खिलाफ सरकार का मानना था कि यह महज एक आम टेंडर विवाद है, जिसकी जांच राज्य पुलिस को करनी है, इस मामले में ईडी को जांच का अधिकार नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह ने रखा सरकार का पक्ष
सरकार की ओर से मामले में पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बधेल के द्वारा की गयी थी. अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बधेल के द्वारा इस मामले में ईडी के हस्तक्षेप को चुनौती दी गयी थी, जिसके बाद यह फैसला आया और कोर्ट की ओर से ईडी से जवाब की मांग की गयी.
बड़हरवा के टोल प्लाजा टेंडर विवाद
यहां बता दें कि बड़हरवा के टोल प्लाजा टेंडर को लेकर शिकायतकर्ता शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करवाया था, दर्ज प्राथमिकी में मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को आरोपी बनाया गया था, लेकिन बाद में पुलिस की जांच में दोनों को क्लीनचिट मिल गयी थी. बाद में इस मामले में ईडी का प्रवेश हुआ था, इस फैसले को ईडी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
रिपोर्ट:देवेंद्र कुमार , रांची