रांची (RANCHI): टंडवा अम्रपाली प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान हुए आंदोलन से जुड़े केस में आज रांची सिविल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट के न्याययुक्त विशाल श्रीवास्तव ने फैसला सुनाते हुए पूर्व मंत्री योगेंद्र साव समेत आशउतोष मिश्रा, बद्री साव, मुकेश यादव, विनोद बिहारी पासवान, लाल किसुन यादव समेत अन्य 24 लोगों को बरी कर दिया है.
साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने सब को किया बरी
टंडवा स्थित अम्रपाली प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित जन आंदोलन में प्रशासन के खिलाफ झड़प का आरोप सभी पर था. अभियोजन पक्ष के द्वारा कोर्ट में तीन गवाह पेश किए गए. सभी आरोपियों के खिलाफ लगे आरोप सिद्ध नहीं हो सके. अपर न्यायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने इस केस के आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव बड़कागांव से विधायक रह चुके हैं. साथ ही वे राज्य सरकार में कृषि मंत्री भी थे. बड़कागांव से वर्तमान में कांग्रेसी विधायक अंबा प्रसाद उनकी पुत्री हैं.
क्या है पूरा मामला
आम्रपाली कोल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान मारपीट करने को लेकर सभी के खिलाफ टंडवा थाना में मामला साल 2015 में मामला दर्ज किया गया था. जिसमें पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता योगेंद्र साव पर आरोप था कि अम्रपाली प्रोजेक्ट के लिए जो भूमि अधिग्रहण किया जा रहा था. उसके खिलाफ उन्होंने आंदोलन चलाया, उसका नेतृत्व किया. इस दौरान पुलिस प्रशासन के साथ उनकी झड़प भी हुई थी. प्रशासन ने योगेंद्र साव समेत कुल 24 लोगों को नामजद किया था.