धनबाद(DHANBAD): जिले की सुंदरी यानी सिंदरी के भाग्य ने दो दशक बाद शुक्रवार को एक बार फिर अंगड़ाई ली. सिंदरी में यूरिया उत्पादन की टेस्टिंग सफल रही. तैयारी तो धनतेरस के दिन की ही थी लेकिन विघ्न हो गया. गैस रिसाव भी होने लगा, उसके बाद परीक्षण के काम को रोक दिया गया. तकनीकी गड़बड़ी को ठीक करने के बाद महापर्व के नहाय-खाय के दिन शुक्रवार को इसका परीक्षण किया गया, जो पूरी तरह से सफल रहा. इसके साथ ही धनबाद के भाग्य में एक नगीना जुड़ गया. सिंदरी खाद कारखाना 2002 में आर्थिक कारणों से बंद कर दिया गया था. उसके बाद से सिंदरी की सूरत बदसूरत हो गई थी.
2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी आधारशिला
बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का सिंदरी खाद कारखाना ड्रीम प्रोजेक्ट था. हरित क्रांति देश में लाने के लिए खाद उत्पादन की जरूरत महसूस हुई, और तब के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हाथों सिंदरी में खाद कारखाने का उद्घाटन हुआ. खाद कारखाना खूब नाम कमाया, लेकिन धीरे-धीरे इस की आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगी और अंततः 2002 में इसे हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. लेकिन परिवर्तन प्रकृति का नियम है, उसी तर्ज पर 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलियापुर में इस कारखाने की आधारशिला रखी और यहीं से सिंदरी का भाग्य ने करवट लेना शुरू किया.
प्रधानमंत्री जल्द कर सकते हैं उद्घाटन
वहीं, शुक्रवार को इसका परीक्षण सफल रहा, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्रधानमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन होगा. सूत्रों के अनुसार बरौनी खाद कारखाना और HURL सिंदरी यूनिट का उद्घाटन एक ही साथ होना है. 10 दिन पहले बरौनी खाद कारखाने का उत्पादन शुरू हो गया है लेकिन सिंदरी में पेच फंस गया था. लेकिन अब इसे भी ठीक कर लिया गया है. उम्मीद की जा रही है कि दोनों खाद कारखानों का उद्घाटन एक ही साथ प्रधानमंत्री करेंगे. NTPC, CIL, IOCL, FCIL, HFCL का संयुक्त उपक्रम HURL कंपनी यहां उत्पादन करेगी. प्रतिदिन 2250 मिट्रिक टन अमोनिया और 3850 टन यूरिया के प्रोडक्शन का लक्ष्य रखा गया है.
रिपोर्ट: शाम्भवी सिंह, धनबाद