गढ़वा(GADHWA):गढ़वा जिले से एक अजीबो गरीब घटना सामने आई है, जहां घर के लोग ने अपनी लड़की का दाह संस्कार कर दिया लेकिन लड़की फिर 15 दिन बाद जिन्दा वापस आ गई. दरसल पुलिस ने एक महिला का अज्ञात शव बरामद किया था, जिसके बाद एक दम्पति ने अपनी बेटी होने का दावा किया और मुस्लिम विधि विधान से दाह संस्कार भी कर दिया लेकिन लड़की जब अचानक घर पहुंची तो सभी के होश उड़ गये.गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ जंगल से पिछले दिनों बालू में दफन किये गये क्षत विक्षत शव का, जिस काजल बानो की पहचान कर उसके घरवालों ने अंतिम संस्कार कर दिया था. वहीं काजल बानो 15 दिन बाद जिंदा लौट आयी.और कहा कि मैं जिंदा हूं साहब.
मरने के 15 दिन बाद जिंदा हुई लड़की
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ के जंगल से बालू में दफन किये गए एक युवती का शव भंडरिया पुलिस ने बरामद किया था. शव की पहचान भंडरिया निवासी असगर अली ने अपनी बेटी काजल बानो के रूप में की थी. वहीं शव की शिनाख्त होने के उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.बताया गया कि अंतिम संस्कार के 10 दिन बाद बेंगलुरु से काजल बानो अपने घर लौट गयी. तब जाकर परिजनों के आंखों से आंसू छलक पड़े. बताया गया कि छह माह पहले काजल किसी बात की नाराजगी को लेकर भंडरिया के जोगियामठ मेले में जाने की बात कहकर बेंगलुरु चली गयी थी. वहां किसी कंपनी में अपने सहेलियों के साथ काम कर रही थी.अचानक घर से चले जाने और बेटी के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलने के बाद काजल के पिता असगर ने भंडरिया थाने में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी. इसी बीच भंडरिया पुलिस को चिरैयाटांड़ के जंगल से एक अज्ञात शव की जानकारी मिली.
पढ़ें लड़की ने लोगों से क्या कहा
वहीं शव मिलने के बाद असगर ने शव के अंगों पर चिन्ह के माध्यम से उसने अपनी बेटी काजल के रूप में पहचान की थी. इसी बीच पुलिस को काजल के बेंगलुरु में होने की जानकारी मिली. जिसके बाद उसे भंडरिया बुलाया गया. वहीं प्रशासनिक प्रकिया के बाद पुलिस ने काजल को उसके घरवालों को सौंप दिया.घर पहुंची काजल ने बताया कि कुछ दिन पहले जब मैं बेंगलुरु में काम कर रही थी. तो वहां कुछ दिनों तक रोज शाम को मुझे अजीब सा महसूस होता था. वहीं शारीरिक कष्ट होने लगता था. काजल ने बताया कि जब उसे इस पूरे मामले की जानकारी मिली. तब उसे यह समझ में आने लगा कि यहां मेरा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हो रही थी. इसी वजह से उसे बेंगलुरु में अजीब महसूस होता था.
15 मई को चिरैयाटांड़ के जंगल से बरामद किया गया शव
इधर 15 मई को चिरैयाटांड़ के जंगल से बरामद किया गया शव किसका है. यह गुत्थी अब उलझ गयी. बरामद शव भी अज्ञात युवती का था. जिसकी पहचान करना भंडरिया पुलिस के लिये चुनौती से कम नहीं है. हालांकि भंडरिया थाना प्रभारी चंदन कुमार ने कहा कि उसकी भी पहचान जल्दी हो जायेगी. पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है.