टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है, जो आम कार्यकर्ता को भी बड़ा से बड़ा पद देने से नहीं हिचकती. कब कोई क्या बन जायेगा ये बनने वाले को भी मालूम नहीं रहता है . भाजपा ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा में जीत की हैट्रिक लगायी. इस विजय के बाद अब मुख्यमंत्री कौन होगा. इसे लेकर तमाम सवाल किए जा रहे हैं. क्योकि पुराने और स्थापित चेहरे पर बीजेपी दांव खेलेगी इस पर सस्पेंश बरकार है. इस बार विधानसभा का चुनाव भाजपा बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के लड़ी थी. लिहाजा, इसे देखते हुए अब तीन राज्यों में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर सवाल बना हुआ
आशा लकड़ा बनीं पर्यवेक्षक
इसके समाधान के लिए पार्टी ने मुख्यमंत्री के चयन के लिए तीन राज्यों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है. जिसमे झारखंड की राजधानी रांची की मेयर और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा का भी नाम है. लाकड़ा मध्यप्रदेश में सीएम के चयन के लिए हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण के साथ हैं. आशा लकड़ा इनमे नया चेहरा है, जिनकी पहचान उतनी नहीं है . लेकिन अचानक पार्टी की तरफ से इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद सुर्खियों में आ गयी. सबसे हैरानगी वाली बात तो ये है कि आशा लाकडा ने अभी तक कोई विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा है और अब वो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करेगी.
2014 से रांची की मेयर
रांची में बीजेपी नेता आशा लकड़ा एक जाना माना नाम है. 2014 से ही लाक़ड़ा रांच की मेयर है औऱ लगातार बीजेपी की तरफ से सियासी गतिविधियों में शामिल रही है. झारखंड के गुमला जिले के चुहरु गांव की रहने वाली लाकडा का परिवार का कोई भी सदस्या राजनीति में शामिल नहीं था. बेहद साधारण परिवार से आने वाली आशा लाकड़ा आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल रही हैं और कॉलेज सचिव से लेकर राष्ट्रीय सदस्य तक की जिम्मेदारियां निभाई. अभी भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय सचिव है. मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री चयन के लिए पर्यवेक्षक बनना ये दिखता है कि राजनीति में उनका कदम लगातार बढ़ता ही जा रहा है.